राजस्थान
डेयरी घोटाले की सुनवाई आठ को, अनुसंधान की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करेगी पुलिस
Ashwandewangan
1 Aug 2023 11:14 AM GMT
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डेयरी घोटाले
नागौर। नागौर दूध परिवहन में करीब दस करोड़ की अनियमितता के मामले में नागौर डेयरी के आरोपी ठेकेदारों पर किए अनुसंधान की तथ्यात्मक रिपोर्ट पुलिस आठ अगस्त को पेश करेगी। इस दिन नागौर डेयरी के प्रबंध संचालक भरत सिंह चौधरी की ओर से फौजदारी रिट याचिका पर भी सुनवाई होगी। इस याचिका में अनुसंधान पुलिस से हस्तांतरित कर अन्य एजेंसी सीबी-सीआईडी को देने की अपील की गई है। उधर, उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियों की ओर से समानान्तर जांच अलग से शुरू करने की खबर है। सूत्रों के अनुसार इन पांच ठेकेदारों पर करीब दस करोड़ के घालमेल का मामला कोतवाली थाने में करीब पौने दो साल पहले नवंबर 2021 में कोतवाली थाने में दर्ज हुआ था। जांच-दर-जांच में उलझे इस मामले में ठेकेदारों की ओर से दायर याचिका पर उन्हें जनवरी-2023 तक गिरफ्तार नहीं किया। अब ये याचिका खारिज हुए करीब छह महीने हो चुके हैं, इसके बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। इसी को लेकर डेयरी प्रबंधन चौथी बार हाईकोर्ट पहुंचा। अधिवक्ता बीपी माथुर की ओर से दर्ज इस फौजदारी रिट याचिका में कहा गया है कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं कर रही। ऐसे में जांच अन्य एजेंसी को दी जाए। इस पर जस्टिस मनोज गर्ग ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस से अनुसंधान की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस आठ अगस्त को यह रिपोर्ट पेश करेगी।
नवंबर 2021 को कोतवाली में दर्ज इस मामले में ठेकेदार रामचंद्र चौधरी, लीला ट्रेडर्स के मालाराम, विजय चौधरी, रामनिवास चौधरी और राजूराम के खिलाफ धोखाधड़ी/गबन का मामला दर्ज किया गया। रकम करीब दस करोड़ से अधिक हो चुकी है। कोतवाली के तत्कालीन एसआई बनवारीलाल ने जांच की तो बाद में हाईकोर्ट के दखल पर जांच सीओ विनोद कुमार सीपा को दी गई। अब उनका भी तबादला हो गया है। दुग्ध परिवहन की गाड़ी को एक-दो दिन से अधिक उधार देने का नियम ही नहीं तो यह दो साल तक कैसे चला, यह सवाल अब तक रहस्य बना हुआ है। इन पांचों ठेकेदारों की गाडिय़ां दूध परिवहन में लगी हुई थी और इन्होंने आंखों में धूल झोंककर कोरोना काल का फायदा उठाया। हाईकोर्ट से हरी झण्डी मिलने के बाद पुलिस अब तक अनियमितता करने वाले ठेकेदारों को नहीं पकड़ पाई है।
नागौर विधायक मोहनराम चौधरी ने राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड के संस्थागत विकास अधिकारी को पत्र लिखकर नागौर जिला दुग्ध संघ डेयरी में हो रही अनियमितता की जांच की मांग की है। पत्र में कहा गया कि पहले प्रोसेसिंग प्लांट में दो सरकारी कर्मचारी थे, उनके जाने के बाद ठेकेदार के जरिए श्रमिक में से प्लांट प्रभारी बनाकर कार्य करवाया जा रहा है। पिछले छह माह में यहां की खरीदे सामान की जांच कराई जाए। नावां-कुचामन सिटी व बोरावड़-मकराना पथ का टेण्डर अप्रेल में ही पूरा हो गया, लेकिन इन दोनों पथ पर मिलीभगत से जिम्मेदारों के आदमी संचालन कर रहे हैं। कुचामन सिटी में किराए का ऑफिस अनावश्यक संचालित किया जा रहा है, जिसका बारह हजार रुपए महीना किराया जाता है। संघ में एक चौपहिया वाहन का भी टेण्डर जनवरी में पूरा हो गया फिर भी इसे ऊंची दरों पर दोबारा टेण्डर दे दिया गया। दूध का विक्रय भी पहले से काफी कम हुआ है, इसकी जांच रिपोर्ट से उन्हें अवगत कराने की मांग की गई है। इसमें उन्होंने उल्लेख किया कि जनसुनवाई के दौरान दुग्ध समिति संचालकों से मिली शिकायत के बाद वे इससे अवगत करा रहे हैं। दूध का उत्पादन जरूर कम है, घपला करने वाले ठेकेदारों पर सुनवाई आठ अगस्त को है। डेयरी पूरे नियम-कायदे से चल रही है।
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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।
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