
मणिपुर हिंसा की तुलना राजस्थान में महिला अपराध से करने और सरकार को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह देकर पार्टी के निशाने पर आए पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सरकार की परेशानी बढ़ाने वाले हैं। बुधवार को वे मीडिया से बातचीत करेंगे। इस दौरान लाल डायरी के राज खोल सकते हैं।
लाल डायरी मामले पर सदन के अंदर और बाहर शोर-शराबा करने के बाद अब गुढ़ा क्या नई बात उजागर करने जा रहे हैं? कांग्रेस और विपक्ष के साथ जनता की भी इस पर नज़र टिकी है। सुबह 10:30 बजे जयपुर में अपने राजकीय आवास बंगला नंबर दो, अस्पताल मार्ग पर झुंझुनूं के उदयपुरवाटी से विधायक राजेंद्र गुढ़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसके लिए बकायदा राजेंद्र गुढ़ा ने प्रेस नोट जारी करवाया है। राजस्थान विधानसभा की बुधवार को कार्यवाही शुरू होने से ठीक पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाए जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं। विधानसभा से राजेंद्र गुढ़ा को निष्कासित हैं। उनके साथ ही भाजपा विधायक मदन दिलावर भी निष्कासित हैं। इन दोनों के निष्कासन को लेकर सदन में भी प्रतिपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों में हंगामा हो सकता है। राजेंद्र गुढ़ा बाहर रहकर ही अपनी आवाज उठाएंगे।
सरकार और कांग्रेस की रहेगी नजर, एक्शन हो सकता है
सरकार और कांग्रेस पार्टी की पूरी नजर राजेन्द्र गुढ़ा के बयान पर रहेगी। लाल डायरी मुद्दे को और ज्यादा तूल देकर आरोप लगाए या अपनी ही कांग्रेस पार्टी और सरकार के खिलाफ गुढ़ा बोले कि कांग्रेस पार्टी उनके खिलाफ एक्शन ले सकती है। उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है। राजेंद्र गुढ़ा का नाम कुछ प्रकरणों में भी चल रहा है। जमीन हथियाने, मारपीट जैसे मामले शामिल हैं। ऐसे प्रकरणों में उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है। गौर करने वाली बात यह है कि अब तक राजेंद्र गुढ़ा से कुछ नेताओं की बातचीत हो रही है और उन्हें समझाइश दी जा रही है। उन्हें अब तक कांग्रेस पार्टी से निष्कासित नहीं किया गया है। राजेंद्र गुढ़ा को यदि कांग्रेस से निष्कासित किया जाता है, तो विधानसभा से भी उनकी बतौर कांग्रेस विधायक सदस्यता छीनने की मांग कांग्रेस पार्टी कर सकती है। अब विधानसभा चुनाव में ज्यादा समय बचा नहीं है और करीब दो महीने बाद आचार संहिता लग सकती है। इस वजह से मंत्री पद खोने के बाद राजेंद्र गुढ़ा ज्यादा परवाह नहीं कर रहे हैं। उन्हें पता है फिर अब जनता के बीच जाना है और चुनाव लड़ना है। इसलिए सहानुभूति लेनी जरूरी है।
