सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी मरीज को हार्ट अटैक होगा या नहीं, बताने में है मददगार
जयपुर: अब आधुनिक जांचों के जरिए हार्ट अटैक आने से पहले ही उसका पता लगाना संभव है। ऐसा संभव हुआ है सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी के जरिए। यह जांच मरीज के लिए बड़ी फायदेमंद है, क्योंकि समय रहते इलाज मिलने से हार्ट अटैक का खतरा दूर किया जा सकता है। सीनियर कंसल्टेंट कार्डियक इमेजिंग डॉ. रितु अग्रवाल ने बताया कि सीटी स्कैन द्वारा कोरोनरी आर्टरी में जमा प्लाक का पता लगाया जा सकता है। अगर प्लाक कम है तो दवा देकर इलाज किया जाता है। लेकिन अगर प्लाक की वजह से कोरोनरी आर्टरी में ज्यादा रुकावट है तो स्टेंट डालकर खोला जाता है। प्लाक के आकार के अलावा यह किस तरह का प्लाक है, ये भी सीटी स्कैन से पता चलता है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्लाक तीन तरह के होते हैं। कैल्सिफाइड, फायब्रस और फैटी। फैटी प्लाक सबसे ज्यादा नुकसानदायक होते हैं। इन्हें हाई रिस्क प्लाक कहते हैं और इनसे हार्ट अटैक आने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा कोरोनरी आर्टरी में कैल्शियम का पता भी सीटी जांच से लग जाता है। ज्यादा कैल्शियम भी हार्ट अटैक का एक रिस्क फैक्टर होता है।
ये हैं भ्रांतियां: डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मरीजों में यह भ्रांतियां हैं कि सीटी स्कैन में ज्यादा समय लगता है। यह जांच केवल 5-10 मिनट में पूरी हो जाती है। मरीज को कुछ सेकंड तक सांस रोक कर सीटी स्कैन की मशीन में लेटना होता है और विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली जाती है। यह ओपीडी की जांच है और भर्ती होने की कोई जरूरत नहीं होती है।