धौलपुर न्यूज़: पिछले 24 घंटों से जिलेभर में रिमझिम बारिश का दौर चल रहा है। बंगाल की खाड़ी से बने मानसूनी विक्षोप के चलते पूर्वी राजस्थान में लगातार बारिश हो रही है। ऐसे में तापमान में जहां 10 डिग्री सेंटीग्रेड तक गिरावट दर्ज हुई है, तो वहीं, लगातार बारिश से खेतों में कटी पड़ी बाजरे की फसल भी खराब हो रही है। साथ में कुछ खेतों में अभी भी बाजरा खड़ा हुआ है। जिसके दानों के काला पड़ने की पूरी आशंका है। ऐसे में अन्नदाता काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। जहां मानसून के शरुराती दौर में अच्छी बारिश को लेकर किसान ख़ुशी जाहिर कर रहे थे। तो वहीं, अब वापस लौटते इस मानसून ने किसानों की चिंता बढ़ा दी हैं। भारी बारिश को देखते हुए उपखंड प्रशासन ने इस बारिश को लेकर हो रहे नुकसान का जायजा लेने के लिए गिरदावर और हल्का पटवारियों को निर्देश भी जारी किए है।
राजाखेड़ा क्षेत्र में 70% नुकसान: वहीं, कृषि अधिकारियों का मानना है कि 70% बाजरे की फसल को किसान उठाकर अपने घरों तक पहुंचा चुके हैं। लेकिन 30% फसल अभी भी खेतों में है। ऐसे में जो फसल खेतों में है वह इस पानी से पूरी तरह बर्बाद हो गई है। जिससे किसान बेहद परेशान हैं। सहायक कृषि अधिकारी रामविलास ने बताया कि, क्षेत्र में बारिश के कारण किसानों की बाजरा की फसल लगभग बर्बाद होने की कगार पर हो गई। अधिकतर फसल अभी खेतों में ही है। ऐसे में इस असमय बारिश के चलते सरसों की फसल की बुवाई भी लेट हो गई और बुवाई लेट होने के चलते अब सरसों की फसल में भी नुकसान होने की संभावना है।
बसईनवाब और बाड़ी इलाके में भी फसल को नुकसान: बाड़ी इलाके और बसईनवाब में लगातार बारिश होने से खेतों में कटी पड़ी बाजरे की फसल खराब हो रही है। किसान ताराचंद भारद्वाज ने बताया कि, 'इस बार खड़ी फसल पर आफत रूपी बारिश गिरी है। जिनके बाजरे की फसल खेत में कटी पड़ी थी। वह अब सड़ रही है। बाली के निकलने पर बची डंठल रूपी कड़व लगातार बारिश से गल रही है। इससे पशुओं के लिए चारे पानी की समस्या पैदा होगी।'