राजस्थान

असम के राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीपी जोशी लेंगे संभागीय बैठक

Shantanu Roy
10 April 2023 10:22 AM GMT
असम के राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीपी जोशी लेंगे संभागीय बैठक
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जयपुर। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले ऐसे में अब एक बार फिर बीजेपी ने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए अब रणनीति बनाने में जुट गई है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की बागडोर संभालने के बाद सांसद सीपी जोशी आज पहली बार उदयपुर आएंगे। वे आज डबोक एयरपोर्ट पहुंचेंगे और फिर राजसमंद स्थित कांकरोली पार्टी कार्यालय में संभाग स्तरीय बैठक लेंगे। इसमें उदयपुर सहित संभाग के सभी 6 जिलों से 500 पदाधिकारी शामिल होंगे। इससे पहले जोशी ने मेवाड़ में भाजपा के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया से शनिवार को असम राजभवन में भेंट की है। उन्होंने कटारिया से उनके जाने के बाद मेवाड़-वागड़ में बनते-बिगड़ते समीकरणों को साधने पर चर्चा की है।
उदयपुर में भाजपा जिलाध्यक्ष के बदलाव व विधायक पद के लिए सामने आ रहे दावेदारों और उनके बीच हो रहे घमासान पर भी मंथन हुआ। इसके अलावा उदयपुर संभाग में भारतीय ट्राइबल पार्टी और जड़े जमा रहे भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा जैसे संगठनों से निपटने वाले राजनीतिक गुण लेने से भी परहेज नहीं किया। इधर, जोशी के कामाख्या देवी दर्शन वाले फोटो वायरल हैं। वे असम से रविवार सुबह दिल्ली, फिर जयपुर पहुंचे है। आज सीपी जोशी उदयपुर एयरपोर्ट पहुंचें है जहा भाजपा शहर और देहात की ओर से स्वागत किया गया है। डबोक से सीधे लोपड़ा पहुंचेंगे, जहां दुष्कर्म और हत्या का शिकार हुई बच्ची के परिवार से मुलाकात करेंगे। इसके बाद नाथद्वारा पहुंचेंगे, जहां कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया जाएगा। दोपहर 12 बजे राजसमंद में जिला जनआक्रोश रैली में शामिल होंगे।
दोपहर 2 बजे भाजपा कार्यालय राजसमंद में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर के पदाधिकारियों की बैठक लेंगे। इसका खास विषय बूथ लेवल पर चल रही तैयारियां होंगी। बता दे कि जयपुर विधानसभा का दरवाजा दक्षिण राजस्थान की 28 विधानसभा सीटों से जुड़ा हुआ है। ऐसे में मेवाड़ और वागड़ की राजनीति में किस तरह से फूंक-फूंककर कदम बढ़ाना है, ये अनुभव कटारिया से अच्छा कोई नहीं जानता है। कटारिया जनसंघ के जमाने से इस क्षेत्र में राजनीति कर रहे थे। आदिवासी इलाकों में काम करने का अच्छा अनुभव है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर-प्रतापगढ़ की आदिवासी राजनीति बड़ी चुनौती है, जिससे प्रदेशाध्यक्ष पूरी तरह परिचित नहीं हैं। इन जिलों में बीपीएमएम और बीटीपी भी विधानसभा चुनाव 2023 में बड़ी चुनौती हैं।
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