जयपुर। सेंट्रल जेल जयपुर से बंदी कुलदीप सिंह और विजयपाल को पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट पेशी के लिए भरतपुर भिजवाने के दौरान अमोली टोल प्लाजा पर हुई फायरिंग की घटना के बाद सरकार अब चेती है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हार्डकोर अपराधियों की कोर्ट पेशी अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही कराने का फैसला किया गया है।
प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। इस बैठक में महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा, महानिदेशक पुलिस कारागार भूपेंद्र कुमार दक, प्रमुख शासन सचिव विधि ज्ञान प्रकाश गुप्ता, शासन सचिव गृह विभाग सरवन कुमार, शासन सचिव गृह (विधि) विभाग, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस यातायात, महानिरीक्षक पुलिस अपराध, महानिरीक्षक पुलिस कारागार एवं संयुक्त शासन सचिव गृह (जेल) अवधेश मीणा उपस्थित थे।
इन निर्देशों के अनुसार महानिदेशक जेल विभाग, महानिदेशक पुलिस राजस्थान से समन्वय स्थापित कर जिला स्तर पर एक कमेटी गठित करेंगे। गठित कमेटी हार्डकोर बदमाशो, संगठित गिरोह और गंभीर धाराओं में बंद अपराधियों जिन्हें पेशी पर ले जाने के दौरान जानलेवा हमला होने या फिर कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना हो, उन्हें चिन्हित कर सूची तैयार करेंगे।
सुरक्षा कारणों की वजह से ऐसे अपराधियों की कोर्ट में पेशी हाई सिक्योरिटी जेल अजमेर की तर्ज पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करवाई जाएगी। व्यक्तिगत पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं होने या कोर्ट के आदेशों की पालना में ही होगी। बंदी जिस जेल में बंद है और उसे पेशी के लिए जिस जिले के न्यायालय में जाना है, उन दोनों जिले के एसपी पेशी के दौरान बंदियों के आवागमन के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराएंगे। साथ ही संभव हो तो ऐसे बंदियों को सामान्य बस के स्थान पर पुलिस वाहन से ही पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ भेजा जाएगा।
फायरिंग की घटना की जांच के लिए भरतपुर पहुंचे आईजी प्रफुल्ल कुमारः
महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने बताया कि भरतपुर जिले के अमोली टोल प्लाजा पर हुई फायरिंग की घटना की जांच महानिरीक्षक अपराध प्रफुल्ल कुमार को सौंपी गई है। आईजी प्रफुल्ल कुमार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध नरोत्तम वर्मा के साथ भरतपुर पंहुच गए हैं।