राजस्थान

कोर्ट ने 42 लाख गबन की संपत्ति की जांच का आदेश दिया

Ritisha Jaiswal
23 Sep 2023 12:22 PM GMT
कोर्ट ने 42 लाख गबन की संपत्ति की जांच का आदेश दिया
x
पूछताछ करना कोई जरूरी नहीं है।
जमशेदपुर: आरक्षित ट्रस्टों के नाम से 42 लाख रुपये के गबन से जुड़े 20 साल पुराने मामले की जांच अब जारी की गई है। झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार ने गैबन मामले की जांच के लिए दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है।
गैबॉन से जुड़ी फाइल स्वामी विकेकेानंद सेवा ट्रस्ट की ओर से दी गई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछताछ के लिए राज्य सरकार से पूछताछ की थी, लेकिन राज्य सरकार की ओर से जवाब देने के लिए कहा गया था कि हमसे
पूछताछ करना कोई जरूरी नहीं है।
पूछताछ करना कोई जरूरी नहीं है।पूछताछ करना कोई जरूरी नहीं है।इसके बाद उच्च न्यायालय ने नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया। ऑर्डर के आलोक में जल्द ही केस को अपने हाथ में ले लिया। गबन वर्ष 2002-03 में हुआ था।
क्या है मामला मस्जिद में स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट द्वारा युवाओं को बंधक बनाने का मामला चल रहा था। इसके संचालन के लिए केंद्रीय जनजाति विकास विभाग (मंत्रालय) ट्रस्ट को पैसे देता था। वर्ष 2002-03 में विभाग ने ट्रस्ट को 42 लाख रुपये का निवेश दिया था, लेकिन ट्रस्ट के सचिव रह रहीं सरोजा दास ने स्टोरी रचकर विट-जुलता नाम सिर्फ सेवा स्तर स्वामी विवेकानंद ट्रस्ट का गठन किया। पूर्व में अज्ञात होने के कारण दिल्ली के व्यापारी पुस्तकालय कर विभाग से 42 लाख रुपए अपने ट्रस्ट के खाते में डालवा लिया। जब गैबन लाइटहाउस आया तो बिस्टुपुर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया, लेकिन पुलिस की जांच में मामला रफा-दफा हो गया। इसके बाद केंद्र ने राज्य सरकार को जांच के लिए लिखा, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
इसके बाद पुराने वास्तविक ट्रस्ट स्वामी विश्वनाथ सेवा ट्रस्ट ने केस की पूछताछ जांच की मांग को लेकर कोर्ट में दस्तावेजों की जांच की। अध्ययन के अंतिम मामले में वैज्ञानिक जांच का आदेश दिया गया। ग्रेटर नोएडा की ओर से शेयरधारकों की सूची
Next Story