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Ajmer अजमेर: सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार या अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका को निचली अदालत ने बुधवार को स्वीकार कर लिया। हिंदू सेना की ओर से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया गया है और अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।अजमेर पश्चिम सिविल जज (वरिष्ठ डिवीजन) मनमोहन चंदेल ने विष्णु गुप्ता की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। जस्टिस चंदेल ने मामले में दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को समन नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया है कि यह स्थल भगवान महादेव को समर्पित मंदिर है। इस साल 25 सितंबर को अजमेर की एक अदालत ने विष्णु गुप्ता की ओर से दायर सिविल मुकदमे पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें अजमेर दरगाह को शिव मंदिर घोषित करने की मांग की गई थी। अदालत ने अपने फैसले के लिए क्षेत्राधिकार की कमी का हवाला दिया और मामले को 10 अक्टूबर को आगे की सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।
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Harrison
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