राजस्थान

कोरोना का कहर बढ़ा, राजस्थान सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस

Kunti Dhruw
26 Nov 2021 5:05 PM GMT
कोरोना का कहर बढ़ा, राजस्थान सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस
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राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।

जयपुर : राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते प्रदेश की गहलोत सरकार ने शुक्रवार को नई गाइडलाइंस जारी की हैं। नई गाइडलाइंस के तहत आमजन को कोविड उपयुक्त व्यवहार, Test Track Treat प्रोटोकॉल एवं टीकाकरण के साथ-साथ मास्क का अनिवार्य उपयोग, सेनेटाईजेशन, दो गज की दूरी एवं बंद स्थानों पर उचित वेंटिलेशन का ध्यान रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।

शैक्षणिक गतिविधियों के सम्बन्ध में राज्य सरकार के निर्देश
प्रदेश की यूनिवर्सिटी, कॉलेज और स्कूल (कक्षा 1 से 12 तक) एवं समस्त कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। इनके तहत शैक्षणिक गतिविधियां विभाग की ओर से 8 नवंबर को जारी आदेश को 15 नवम्बर से लागू किया गया है। वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर राज्य में शिक्षण गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन हेतु शिक्षण संस्थाओं (विश्वविद्यालय / महाविद्यालय / विद्यालय / कोचिंग संस्थान ) को नए निर्देशों की पालना करनी होगी।
अब वैक्सीन की दोनों डोज लेना अनिवार्य
यूनिवर्सिटी, कॉलेज और स्कूल के शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ एवं संस्थान आवागमन हेतु संचालित बस, ऑटो एवं कैब के चालक इत्यादि को 14 दिन पूर्व वैक्सीन की दोनों खुराक (1st & 2nd dose) अनिवार्य रूप से लेनी होंगी। शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टाफ / विद्यार्थियों के आवागमन हेतु संचालित स्कूल बस / ऑटो / कैब इत्यादि वाहन की बैठक क्षमता के अनुसार ही अनुमत होंगे। शिक्षण संस्थानों में आने से पूर्व सभी विद्यार्थियों द्वारा अपने माता-पिता / अभिभावक से लिखित में अनुमति लेना अनिवार्य होगा। वे माता-पिता / अभिभावक जो अपने बच्चों को अभी ऑफलाईन अध्ययन हेतु संस्थान नहीं भेजना चाहते उन पर संस्थान द्वारा उपस्थिति हेतु दबाव नहीं बनाया जायेगा (Attendance optional) एवं उनके लिए ऑनलाईन अध्ययन की सुविधा निरन्तर संचालित रखी जायेगी।
No Mask No Entry की पालना अतिआवश्यक
अध्ययन अवधि के दौरान संस्थान में एवं आवागमन के दौरान फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा। 'No Mask No Entry' की पालना आवश्यक है। किसी विद्यार्थी / स्टाफ द्वारा मास्क नहीं लगाया जाने पर संस्थान द्वारा मास्क उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जावे। नियमित कक्षाओं के अध्ययन के लिये छात्रों की बैठक व्यवस्था इस प्रकार की जायेगी कि प्रत्येक छात्र के मध्य कम से कम दो गज की दूरी सुनिश्चित हो सके।शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रार्थना सभा (Assembly) एवं अन्य किसी भी प्रकार के भीड-भाड़ वाले कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जायेगा। मैन गेट पर प्रवेश एवं निकास के दौरान संस्थान परिसर, कक्षाओं में सामाजिक दूरी (दो गज की दूरी) का ध्यान रखा जावे एवं संस्थान में किसी भी स्थान पर विद्यार्थी / अभिभावक / कर्मचारी अनावश्यक रूप से एकत्रित न हो। इसके साथ ही भिन्न-भिन्न कक्षाओं के आवागमन के समय में कुछ समय का अन्तराल रखा जाये ताकि बड़ी संख्या में विद्यार्थी एकत्रित न हो । संस्थान परिसर में स्थित कैंटीन को आगामी आदेशों तक बंद रखा जायेगा।
प्रत्येक फ्लोर पर क्लासरूम एवं फैकल्टी रूम में कुर्सियों, सामान्य सुविधाओं एवं मानव सम्पर्क में आने वाले सभी बिन्दुओं जैसे रेलिंग्स, डोर हैण्डलस एवं सार्वजनिक सतह, फर्श आदि प्रतिदिन सेनेटाईज किया जावे एवं खिड़की / दरवाजों को खुला रखा जावे ताकि हवा का पर्याप्त प्रवाह सुनिश्चित रहे। संस्थान में प्रतिदिन काम में आने वाली स्टेशनरी एवं अन्य उपकरणों को सेनेटाईज कराना अनिवार्य होगा।
आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य, रिपोर्ट आने तक रहेंगे क्वारेंटाइन
जिन शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रावास का संचालन किया जा रहा है, उनके द्वारा बाहर से आने वाले छात्रों का आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया जाये व रिपोर्ट आने तक क्वारंटीन किया जायेगा। विभिन्न विभागों ( समाज कल्याण विभाग / शिक्षा विभाग / अल्पसंख्यक विभाग एवं टीएडी) द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों / छात्रावास द्वारा उपरोक्त दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जायेगी एवं संबंधित विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे।सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर प्रतिबंध है एवं उल्लंघन किये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही किया जावे।

कोरोना संक्रमित पाए जाने शिक्षण संस्थान 10 दिन के लिए रहेगा बंद
संस्थान परिसर में किसी भी विद्यार्थी / शिक्षकगण / कार्मिक के कोविड पॉजिटिव या फिर संभावित संक्रमण की स्थिति बनने पर संस्थान द्वारा संबंधित कक्ष को 10 दिनों के लिए बंद किया जायेगा। किसी विद्यार्थी / शिक्षकगण / कार्मिक में कोविड-19 के लक्षण पाये जाने पर उसे तुरन्त निकटस्थ अस्पताल / कोविड सेन्टर में ईलाज / आईसोलेशन हेतु रेफर / भर्ती करवाया जायेगा एवं संस्थान द्वारा एंबुलेंस की व्यवस्था की जावेगी। शिक्षण संस्थानों की ओर से माता-पिता / अभिभावक को यह परामर्श दिया जाये कि किसी भी छात्र या उसके परिवार के किसी भी सदस्य के बीमार होने पर उसकी सूचना विद्यालय / स्थानीय प्रशासन का दी जावे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, स्वायत्त शासन विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा कोविड उपयुक्त व्यवहार के सम्बन्ध में सघन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। चिकित्सा विभाग द्वारा समय-समय पर विद्यालयों में चिकित्सा दल भेजकर स्टाफ / विद्यार्थियों की रेण्डम सेम्पलिंग कराई जाये। पुलिस, यातायात व चिकित्सा विभाग के कार्मिकों द्वारा स्कूल वाहनों की रेण्डम जांच कर कोविड गाईड लाईन की पालना सुनिश्चित कराई जाये।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण द्वारा विद्यालयों में कोविड गाईडलाईन की पालना सुनिश्चित कराई जाये। कोविड गाईडलाईन्स की पालना हेतु विद्यालय प्रधान व स्कूल प्रशासन पूर्णतया उत्तरदायी होंगे।
प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षण गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन हेतु अन्य विस्तृत दिशा-निर्देश शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किये जायेंगे। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा शिक्षण संस्थानों में कोरोना प्रोटोकॉल एवं उक्त दिशा-निर्देशों कीअनुपालना की मॉनिटरिंग हेतु एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी। विभिन्न शहरों / कस्बों / ग्रामीण क्षेत्र में कोविड संक्रमण की तत्कालिक परिस्थिति के मद्देनजर किसी भी विद्यालय / हॉस्टल इत्यादि को कुछ समय के लिए बंद करने या अन्य कोई प्रतिबन्ध लगाने के लिए जिला कलक्टर अधिकृत होगें। ताकि उनके द्वारा स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप निर्देश जारी किये जा सके।
सभी प्रकार के भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक, सामाजिक, राजनैतिक, खेल-कूद सम्बन्धी मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक समारोह / त्योहारों / शादी समारोह में कोविड उपयुक्त व्यवहार (मास्क का अनिवार्य उपयोग, सेनेटाईजेशन गज की दूरी) की पालना सुनिश्चित की जाये।
कोविड के मामले निरन्तर बढ़ रहे हैं, इसलिये लोगों का एंटी कोविड-19 गतिविधियों अर्थात् कोविड उपयुक्त व्यवहार जैसे कि मास्क पहनना, हैण्ड सेनेटाईजर का उपयोग करना कार्यालय स्थल की सफाई, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकना, इकट्ठा नहीं होना एवं सामाजिक दूरी रखना, लक्षणों को नहीं छिपाने, आवश्यकता होने पर डॉक्टर से मिलने और संभावितों की जांच के लिये चिकित्सा दल भेजना आदि के लिये पर्यवेक्षण करने की आवश्यकता है।
भारत सरकार द्वारा दिशा-निर्देशों दिनांक 24.03.2020 में लॉकडाउन उपायों की क्रियान्विति हेतु इंसीडेन्ट कमाण्डर्स की नियुक्ति किये जाने के निर्देश दिये गये थे, जिसे अभी भी जारी रखने की आवश्यकता है।
राज्य में कोविड-19 संक्रमण केसों में हो रही वृद्धि के वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग एवं नगर निकाय की संयुक्त प्रवर्तन दल (Joint Enforcement Team, JET) बनाकर विभिन्न क्षेत्रों में एक विशेष अभियान (Drive) चलाया जाए ताकि कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार जैसे फेस मास्क, सामाजिक दूरी एवं मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) आदि की सख्त अनुपालना सुनिश्चित की जा सके।
सभी संस्थाओं / संगठनों द्वारा कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालना सुनिश्चित की जावे। संयुक्त प्रवर्तन दल (JET) द्वारा इस सम्बन्ध में सख्त निगरानी एवं पर्यवेक्षण किया जावें और यदि कोई संस्था / संगठन उल्लंघन करता पाया जाता है, तो संस्था / संगठन के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
जिला कलक्टर / इन्सीडेन्ट कमाण्डर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित कर संयुक्त प्रवर्तन दलों के सहयोग हेतु विशेष दल (Anti-Covid Team, ACT) बनायेंगे । जो Covid Appropriate Behaviour की पालना, टीकाकरण एवं जन जागरण अभियान में सहयोग करायेगा ।
एक टीम में कम से कम दो अधिकारियों / कर्मचारियों के साथ एक पुलिसकर्मी या होमगार्ड होना चाहिए और एक क्षेत्र उन्हें दिया जाना चाहिए ताकि वे लोगों के कोविड उपयुक्त व्यवहार पर निगरानी रख सके। टीम के सदस्यों को विशेष कैप तथा बैज दिये जा सकते हैं।
हालांकि IEC के द्वारा कोविड-19 के बारे में बड़े पैमाने पर लोगों को जागरूक किया गया है, लेकिन फिर भी लोगों का इस संबंध में आत्म-अनुशासन (self discipline) के लिये और प्रेरित किया जाना आवश्यक । एक वर्ष 6 माह से अधिक का समय बीत चुका है, अतः अब कोविड संक्रमण रोकने के प्रति वांछित सतर्कता एवं अनुशासन रखना अत्यन्त आवश्यक है। सरकार के प्रयास तभी अधिक प्रभावी हो सकते हैं, जब सरकार कोविड-19 के खिलाफ निवारक उपायों के माध्यम से लोगों को सुरक्षित रखने के लिये लगातार प्रयास करे।


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