जांच की गुणवत्ता में सुधार के लिए एजेंसियों और अभियोजन विंग के बीच समन्वय जरूरी
जयपुर: केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 5 जनवरी को जयपुर में जांच एजेंसियों के प्रमुखों के तीसरे द्विवार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। समारोह में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक बालाजी श्रीवास्तव, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा केंद्रीय पुलिस संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। अपने सम्बोधन में नित्यानन्द राय ने कहा कि इस वर्ष सम्मेलन का विषय जांच और अभियोजन में सहायता के लिए अत्याधुनिक तकनीकें वर्तमान समय में बहुत प्रासंगिकता है। उन्होने कहा कि यह आवश्यकता महसूस की गई कि जांच के दौरान कानूनों के पर्याप्त ज्ञान और उनके उचित उपयोग तथा जांच की गुणवत्ता में सुधार के लिए विभिन्न जांच एजेंसियों और अभियोजन विंग के बीच बेहतर समन्वय होना जरूरी है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि जांच और अभियोजन में सहायता एवं लोक प्रशासन में पुलिस सबसे अहम शाखा है, जो सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करती है। पुलिस राष्ट्र की शांति और सद्भाव की प्रहरी है, जिसकी किसी भी राष्ट्र और उसके नागरिकों को सबसे अधिक आवश्यकता होती है। भारतीय पुलिस बलों को आवश्यक बौद्धिक, भौतिक और संगठनात्मक संसाधनों से लैस करके पुलिस के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए स्मार्ट बलों के रूप में बदलना हमारा दायित्व है। उन्होने कहा कि पुलिस द्वारा मानव समाज की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है, जिससे वह देश की विकास यात्रा की एक अनिवार्य अंग बन जाती है।
नित्यानन्द राय ने कहा कि वर्तमान में अपराधों में बदलते हुए प्रतिरूपों को ध्यान में रखते हुए जांच में वैज्ञानिक सहायता का इस्तेमाल आज की आवश्यकता है। पुलिस को स्वयं को फोरेंसिक्स व पुलिस संबंधित कम्प्यूटर अनुप्रयोगों (ऐप्लकेशन) पर अपडेट रखना पड़ेगा ताकि नवीनतम तकनीकों का उपयोग सही दिशा व उपयुक्त समय पर होता रहे। उन्होने कहा कि पुलिस ही मानव जीवन के प्रत्येक पहलुओं की रक्षा करती है और वह अंगों के प्रत्यारोपण के लिए परिवहन के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी प्रदान कर रही है। इसलिए, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि मानव जीवन का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां पुलिस महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाती। राय ने कहा कि जनसांख्यिकी, भाषा, संस्कृति और धर्म की विविधता हमारे देश की मुख्य ताकत है। हमारे पुलिस कार्य लोगों की विविधता और संवेदनशीलता के प्रति सम्मानजनक होने चाहिए।