धर्मांतरित व्यक्ति को आदिवासी सुविधाओं से वंचित किया जाए: राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्य नारायण सूरी
राजसमंद न्यूज: जो व्यक्ति जन जाति को त्याग कर हिंदू धर्म छोड़ कर मुस्लिम अथवा ईसाई बन जाता है उसको संविधान द्वारा जनजातियों को अनुच्छेद 342 के अनुसार संविधान द्वारा प्रदत्त सुविधाओं से वंचित करने हेतू संविधान में तत्काल संशोधन करना चाहिए। जिससे जन जातियों को वास्तविक लाभ प्राप्त हो सके उक्त विचार जन जाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्य नारायण सूरी ने राजसमंद जिला मुख्यालय वार्ता में व्यक्त किए।
सूर्य ने बताया कि इस हेतु जनजाति समाज वर्षों से संघर्षरत है क्योंकि अधिकांश लाभ यथा आरक्षण जनजाति के लिए सरपंच से लगाकर सांसद तक जन जाति हेतु आरक्षित पदों पर चुनाव लड़ने का अधिकार और अन्य सुविधाओं का लाभ वो ही उठा रहे हैं जो हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई या मुस्लिम बन चुके है। यह विसंगति तुरंत दूर करने के लिए उनकी डी लिस्टिंग की जा कर उन्हें जन जाति से बाहर किया जाना चाहिए।
इसी मांग को लेकर देश भर में जन जाति सुरक्षा मंच द्वारा विशाल रैलियां कर सरकार से मांग की जा रही है। इसी कड़ी में आगामी 18 जून को उदयपुर में भी विशाल जनसभा हुंकार रैली का आयोजन किया जाएगा। जनजाति नेता कार्तिक उरांव द्वारा 1968 के अध्ययन में पाया गया कि एसटी की लगभग 70 प्रतिशत नाैकरियां, छात्र वृत्तियां व शासकीय अनुदान धर्मांतरित लोग ले रहे हैं। जिससे जनजातियां अपने अधिकारों से वंचित हैं। इस संशोधन की मांग को 348 सांसदों का भी समर्थन प्राप्त हुआ था। एसटी की पात्रता के लिए विशेष प्रकार की संस्कृति जरूरी है और हिंदू धर्म में व्याप्त जाति व्यवस्था के कारण ही उन्हें ये विशेष अधिकार मिले हैं जो धर्म बदल लेता है उसे इस हक से वंचित किया जाना चाहिए।