राजस्थान

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है इन दोनों गुट के विधायक की बयानबाजी, जानें वजह

Gulabi Jagat
7 May 2022 10:07 AM GMT
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है इन दोनों गुट के विधायक की बयानबाजी, जानें वजह
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राज्यसभा चुनाव
राज्यसभा चुनाव में राजस्थान कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती गहलोत-पायलट गुट के विधायकों को एकजुट करने की रहेगी। जिस तरह से दोनों गुट के विधायक बयानबाजी कर रहे हैं उससे राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है। गहलोत समर्थक मंत्री शांति धारीवाल और पायलट समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी की हाल ही में हुई बयानबाजी काफी सुर्खियों में रही। मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन पायलट का नाम लिए बगैर यह कह दिया कि नेतृत्व परिवर्तन की खबरें कुछ लोग राजनीति में जिंदा रहने के लिए छपवाते रहते हैं, जबकि आलाकमान, कांग्रेस विधायक और जनता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ है और अगला चुनाव भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। वहीं पायलट गुट के विधायक वेद सोलंकी ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर उन पर जुबानी हमला बोला है। पायलट के कट्टर समर्थक माने जाने वाले वेद सोलंकी ने किरोड़ी लाल मीणा को दुखी और परेशान जनता की आवाज उठाने वाला नेता बताते हुए यहां तक कह दिया कि चाहे आपको कोई धमाल मचाने वाला कहे या कोई कुछ और कहे लेकिन जब भी राजस्थान में कोई परेशान होता है तो उनकी आवाज उठाने में किरोड़ी मीणा आगे रहते हैं।
प्रदेश के 4 सांसद हो रहे हैं रिटायर
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में प्रदेश के 4 सांसद रिटायर होने जा रहे हैं। इन सांसदों में ओमप्रकाश माथुर, केजे अल्फोंस, राजकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह शामिल है। ये चारों ही सदस्य भाजपा के है। इनका कार्यकाल 4 जुलाई तक रहेगा, लेकिन चुनाव पहले ही जाएंगे। विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस की 2 सीटों पर जीत तय मानी जा रही है। जबकि भाजपा की एक सीट पक्की मानी जा रही है। एक सीट पर सियासी घमासान देखने को मिल सकता है। राजस्थान में राज्यसभा सदस्यों की संख्या 10 है। इसमें में से 7 भाजपा के पास है जबकि कांग्रेस के पास 3 है। लेकिन चुनाव के बाद यह संख्या बदल जाएगी। कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढ़कर 5 जबकि भाजपा की घटकर यह संख्या 4 हो जाएगी। अगर चौथी सीट भी कांग्रेस के हाथ लग जाती है तो उसकी मजबूती और बढ़ जाएगी। राज्य से कांग्रेस के जो सदस्य है उनमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी है। वहीं भाजपा के किरोड़ीलाल मीणा, राजेंद्र गहलोत औऱ केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव है।
कांग्रेस का 3 सीट जीतने का दावा
बहुमत के आधार पर इन 4 में से 3 सीटें जीतने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी कैसे अपने विधायकों को एकजुट रख सकेगी ये बड़ा सवाल है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक-दूसरे पर भले ही सीधे बयानबाजी नहीं कर रहे हो लेकिन जिस तरह से दोनों गुटों से जुड़े विधायक अब गहलोत और पायलट को लेकर बयान दे रहे हैं, उससे साफ है कि राज्यसभा चुनावों में दोनों गुटों के नेताओ को साथ रखना बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट लगातार कांग्रेस आलाकमान के समक्ष अपनी बातें रख रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अब उनके समर्थक विधायकों ने दोनों प्रमुख नेताओं पर जुबानी हमला करना शुरू कर दिया है. हालांकि सीधे तौर पर तो कोई भी गहलोत और पायलट का नाम नहीं ले रहा लेकिन उनकी ओर से किए गए पलटवार सीधे इन्हीं दोनों नेताओं पर होती है.
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