राजस्थान

कांग्रेस पार्टी पिछले दो चुनाव के जीत-हार के अंतर को पाटने की रणनीति में जुटी

Admindelhi1
1 April 2024 8:28 AM GMT
कांग्रेस पार्टी पिछले दो चुनाव के जीत-हार के अंतर को पाटने की रणनीति में जुटी
x
जीत के मिशन में जान फूंकने की कोशिश

जयपुर: राजस्थान लोकसभा चुनाव में 2014 और 2019 में खाता नहीं खोल पाई कांग्रेस इस बार दो चुनावों के आंकड़ों के अध्ययन के आधार पर अपनी रणनीति बनाने में लगी हुई है। सभी सीटों पर जीत-हार के अंतर को पाटने के लिए इस बार जातीय और क्षेत्रीय समीकरण बनाकर चुनावी रणनीति तय की जा रही है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कई वरिष्ठ नेता सभी सीटों पर जीत के मिशन में जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं।

वर्ष 2019 में करौली-धौलपुर और दौसा सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर हार-जीत का अंतर एक लाख से ज्यादा रहा था। भीलवाड़ा में जीत का अंतर छह लाख था। पिछले दो चुनाव में भाजपा को 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले तो कांग्रेस का वोट प्रतिशत 34 प्रतिशत के आसपास रहा था। दो लोकसभा चुनाव के आंकड़ों का अध्ययन करते हुए कांग्रेस इस बार अपनी स्थिति को बेहतर करने की कोशिश में है। रणनीतिकार भी मानते हैं कि पिछले दो मुकाबलों की तुलना में इस बार चुनाव अलग हैं।

मोदी सरकार की नीतियों और स्थानीय मुद्दों पर चुनाव

कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की चुनावी स्थिति देशभर में ठीक थी, लेकिन पुलवामा घटना ने पूरी तस्वीर बदल दी थी। इस बार महंगाई, बेरोजगारी के साथ किसानों की समस्याएं बड़े मुद्दे हैं। राहुल गांधी, मोदी सरकार की नीतियों पर लगातार हमला बोल रहे हैं। जातिगत जनगणना, इलेक्ट्रोरल बॉन्ड, एमएसपी कानून जैसे राष्टÑीय स्तर के मुद्दे हावी रहेंगे तो राजस्थान में राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों के अलावा प्रदेश स्तरीय मुद्दों पर चुनाव प्रचार होगा। हर लोकसभा में आठ विधानसभाएं हैं, इसलिए भजनलाल सरकार के महंगाई, बेरोजगारी, बिजली, पानी, सड़कों, ईआरसीपी आदि जैसे मुद्दों पर भी कांग्रेस हमला बोलेगी।

भाजपा और निर्दलीयों से टक्कर पर मंथन जारी

दो बार से बड़ी चुनौती दे रही भाजपा की सभी सीटों पर रणनीति का भी कांग्रेस रणनीतिकार लगातार आंकलन कर रहे हैं। जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, झालावाड़-बारां, कोटा-बूंदी, जोधपुर, पाली आदि सीटों पर भाजपा लंबे समय से लगातार जीत रही है। ऐसी सीटों पर कांग्रेस नए सिरे से रणनीति बनाकर प्रचार करने में जुट रही है। कई सीटों पर निर्दलीयों की वजह से होने वाले नुकसान को भी भांपकर काम किया जा रहा है। गहलोत, डोटासरा और रंधावा ऐसी लोकसभा सीटों में शामिल विधानसभा क्षेत्र के नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं, जिन प्रत्याशियों को बडेÞ नेताओं ने अपनी गारंटी पर टिकट दिलाया है, वहां बडेÞ नेताओं की चर्चाओं के दौरे ज्यादा हो रहे हैं। इनमें जालौर-सिरोही, जोधपुर, सीकर, नागौर, पाली, गंगानगर, दौसा आदि शामिल हैं।

Next Story