कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद कांग्रेस के पास नगर विधानसभा सीट पर कब्जा करने का मौका
उदयपुर न्यूज: भाजपा के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया के असम राज्यपाल बनने के बाद से शहर विधानसभा सीट खाली है। यहां साल 2003 से लगातार विधायक रहे कटारिया के जाने बाद कांग्रेस के पास मौका तो है, लेकिन राह बहुत कठिन। वजह यह है कि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का शहर में संगठनात्मक ढांचा चुनावी साल में भी बेहद कमजोर है।
स्थिति यह है कि गुटबाजी ताे है ही, नेतृत्व शहर जिलाध्यक्ष तक नहीं बना पाया है। दूसरी ओर भाजपा एक्टिव मोड पर है। इसके शहर जिलाध्यक्ष श्रीमाली का कहना कि उन्होंने शहर विधानसभा के 80 फीसदी बूथों पर 21-21 कार्यकर्ता नियुक्त कर दिए हैं, जबकि कांग्रेस के निवृत्तमान जिलाध्यक्ष गोपाल कृष्ण कहना का कहना है कि हर बूथ पर 10-10 कार्यकर्ता तैनात करने की कार्ययोजना है।
कांग्रेस अभी तक 11 मंडल अध्यक्ष तक नहीं बना पाई है। दूसरी ओर भाजपा मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में संघर्ष कर रही है, जहां बूथों पर 21-21 कार्यकर्ता नियुक्त करने में पसीने छूट रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के पास शहर और देहात में खुद का दफ्तर तक नहीं है।