कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे बैंचमार्क तोड़े: गजेन्द्र सिंह शेखावत
जयपुर: केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार में पनप रहे भ्रष्टाचार के मामलों की सही जांच हो तो कई सफेद कुर्ते वाले भी चपेट में आ जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाए कि इस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे बैंचमार्क तोड़ दिए।
शेखावत सोमवार को एमएनआईटी में मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योजना भवन में डीओआईटी के जिस अधिकारी के पास कैश मिलने की संपूर्ण और गहराई से जांच होनी चाहिए। आरोपी अधिकारी किसके निर्देश पर स्टोर कीपर का काम कर रहा था। बहुत सारे प्रश्न जनता के मन में आ रहे हैं। कौन-कौन लोग कितने वर्षों से इनवॉल्व थे? कहां-कहां ऐसा काला धन छिपाया गया? इस सबका खुलासा होना चाहिए। पहले तो अधिकारियों और नेताओं के घरों से ही नकदी बरामद होती थी। अब तो सरकारी कार्यालयों से भी कालाधन मिलने लगा है। इसकी जांच होनी चाहिए।
दबाव में सरकार ने कदम बढ़ाया
शेखावत ने पेपर लीक प्रकरण में कहा कि भाजपा के आंदोलनों से दबाव में आकर सरकार ने एक कदम बढ़ाया। उसका नतीजा निकला कि आरपीएससी तक एसीबी पहुंच गई। इससे आगे भी सरकार जांच करती तो सफेद कुर्ते पहन कर लोग घूम रहे हैं, उनके कारनामे भी सामने आ जाते।
सांगानेर से हिंदुओं के पलायन
सांगानेर से हिंदुओं के पलायन के मामले में शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार अपने वोट बैंक को बचाने के लिए तुष्टीकरण कर रही है। तुष्टीकरण को खाद-पानी दे रही है। अनेक शहरों में ऐसी घटनाएं हो रही हैं। ईआरसीपी के मुद्दे पर शेखावत ने कहा कि दुर्भाग्य से राजस्थान सरकार पानी लाने के बजाय राजनीति कर रही है। 13 जिलों में राजस्थान सरकार साढ़े तीन साल तक राजनीति करती रही। एक कदम आगे नहीं बढ़ाया।
चौदह हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार संजीवनी मामले में उनका नाम लेने पर उन्होंने कहा कि संजीवनी के इनवेस्टर्स ने मेरे से पूछकर इनवेस्ट नहीं किया। मुख्यमंत्री इसमें राजनीति कर रहे हैं, क्योंकि घोटाला करने वाली संजीवनी एकमात्र ऐसी सोसायटी नहीं है। आदर्श क्रेडिट कॉ-आॅपरेटिव सोसायटी इससे बड़ी है। उसमें चौदह हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इस प्रकार के मामलों की जांच के लिए भारत सरकार का कानून है, उसके तहत इनके फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई के माध्यम से होनी चाहिए। मध्य प्रदेश इसकी जांच सीबीआई को दे चुका, लेकिन राज्य सरकार इसका विरोध कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में भी विरोध कर चुकी। इस कानून के तहत जांच नहीं करने के कारण यदि आरोपी छूट जाए तो आरोपी को छुड़ाने और निवेशकों के पैसे डुबाने के षड़यंत्र के भागीदार अशोक गहलोत उनकी सरकार होगी।