राजस्थान

कांग्रेस जिलाध्यक्ष सरोज मीना ने दिया इस्तीफा, उम्मीदवारों की सूची अभीतक सार्वजनिक नहीं

Shantanu Roy
2 Dec 2021 9:01 AM GMT
कांग्रेस जिलाध्यक्ष सरोज मीना ने दिया इस्तीफा, उम्मीदवारों की सूची अभीतक सार्वजनिक नहीं
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जिले में पंचायती राज चुनाव के तहत 5 पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव हो रहे हैं. नामांकन का आज अंतिम दिन (Last date of nomination for Zilla Parishad and Panchayat Samiti Member) है.

जनता से रिश्ता। जिले में पंचायती राज चुनाव के तहत 5 पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव हो रहे हैं. नामांकन का आज अंतिम दिन (Last date of nomination for Zilla Parishad and Panchayat Samiti Member) है. अभी तक कांग्रेस (Rajasthan Congress) और भाजपा (Rajasthan BJP) की ओर से अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन विधायकों के जरिए कांग्रेस सिंबल का वितरण (Distribution of symbols through MLAs) कर रही है.

साथ ही विधानसभा चुनाव (Rajasthan Vidhansabha Election) में जो प्रत्याशी रहे हैं, वे भी टिकट बांट रहे हैं. इस दौरान संगठन की अवहेलना का भी आरोप लग रहा है. इसी बीच कोटा देहात से कांग्रेस जिला अध्यक्ष सरोज मीना ने इस्तीफा दे दिया (Resentment Over Ticket In Kota Congress) है.
इटावा पंचायत समिति से पूर्व प्रधान सरोज मीना (Saroj Meena) का कहना है कि पीपल्दा के विधायक रामनारायण मीना ने अपनी मनमर्जी चलाई है. जबकि पीसीसी को तय करना चाहिए था और संगठन के जरिए टिकट बांटने चाहिए थे. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को टिकट दिया गया है, जिन्होंने कांग्रेस के लिए कभी काम नहीं किया है. संगठन के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं की अवहेलना हुई है. ऐसे में जब कांग्रेस चुनाव हार जाएगी तब हार का ठीकरा उनके माथे फूटेगा क्योंकि वे जिलाध्यक्ष हैं.
इस्तीफे की बताई कई वजह

सरोज मीणा ने इस्तीफे के बाद ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा (Resentment Over Ticket In Kota Congress) कि टिकटों के बारे में जानकारी विधायकों से ही पूछी जाए. उन्होंने ही घोषणा की है, मुझे कोई जानकारी नहीं है. मुझसे तो संगठन ने कहा था टिकट आपको बांटने है, लेकिन बाद में विधायकों को यह दे दिए हैं. इटावा में भी मेरी सहमति नहीं ली गई है. जबकि इटावा नगर पालिका में भी इसीलिए चुनाव पार्टी हार गई थी. जब पार्टी हारती है, तो हार का ठीकरा मेरे ऊपर फोड़ दिया जाएगा. मैंने अपना इस्तीफा संगठन को भेज दिया है. विधायकों ने संगठन को खत्म कर दिया है

इटावा विधायक राम नारायण मीणा ने तानाशाही रवैया अपनाया है. कुछ जगह तो मेरे टिकट को एडजस्ट किया है. मैं खुद के लिए तो कुछ नहीं मांग रही थी, कार्यकर्ताओं को दिला रही थी. जिनके भाजपा के शासन में मुकदमे लगे थे और आज तक भी मुकदमे वापस नहीं हो पाए है.


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