राजस्थान

सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर सम्मेलन सहभागियों को देशभक्ति से कर दिया सराबोर

Shantanu Roy
31 July 2023 9:43 AM GMT
सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर सम्मेलन सहभागियों को देशभक्ति से कर दिया सराबोर
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सिरोही। ब्रह्माकुमारीज संगठन के ज्ञान सरोवर में शिपिंग, एविएशन और टूरिज्म सर्विसेज डिवीजन के बैनर तले रविवार को कटक (ओडिशा) के कलाकारों ने मेरी संस्कृति मेरी पहचान, मेरा देश मेरी शान थीम पर आधारित लघु नाटक, नृत्य, गीत प्रस्तुत किए। संगीत की प्रस्तुति के माध्यम से युवाओं में देशभक्ति का जज्बा जगाने के उद्देश्य से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में सम्मेलन के प्रतिभागियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर देशभक्ति से सराबोर कर दिया। ब्रह्माकुमारीज संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला दीदी, प्रभाग की उपाध्यक्ष राजयोगिनी मीरा दीदी, राष्ट्रीय संयोजक बीके कमलेश बहन, मुख्यालय संयोजक बीके संतोष की देखरेख में कलाकारों ने प्रस्तुति दी। नृत्य प्रशिक्षक, कोरियोग्राफर स्वप्ना रानी सिन्हा, स्वर्णिका दास, दीपा बेहरा, देवस्मिता प्रधान, अनुष्का पटनायक, प्रीति नंदा, पल्लवी सत्पथी, अनुष्का साहू, सौम्या प्रियदर्शिनी पट्टी आदि ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में दिव्य नृत्य के माध्यम से भारत की संस्कृति को प्रदर्शित किया। किया। भाँति-भाँति के गीत गाते हैं जिनके मस्तक पर सागर पैरों से ढका है।
हिमालय, दुनिया उन्हें सोन चिरैया कहती है, पक्षी सुर में गाते हैं, भँवर गुनगुनाते हैं, धरती सुनहरी अम्बर नीली है, हर मौसम रंग-बिरंगा है, मेरा देश ऐसा है ये जहां कदम कदम पर रंग बदलती है धरती, होठों पर रहती है सच्चाई, जहां दिल में होती है सफाई, हम उस देश के वासी हैं जहां बहती है गंगा, ऐ देश मेरे तेरी मिट्टी में मिल जावां, बेहतरीन प्रस्तुति देकर भारत गीतों के माध्यम से नृत्य, नाटक से भारत के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों का मन मोह लिया। मेरी पहचान के अंतर्गत प्रस्तुत है मेरी संस्कृति, जब तक संस्कृति है तब तक आशा है, संस्कृति के बिना मानवता नष्ट है, संस्कृति के बिना मानवता अधूरी है, यह देश त्याग की भूमि है, बलिदान की भूमि है, तपस्या की भूमि है , लघु नाटिका प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। पवित्र भूमि भारत को फिर से स्वर्ग बनायेगी, आओ विश्व को स्वर्ग बनायें, प्रेम-प्यार से, सबके सहयोग से, सबके सहयोग से। गीत की प्रस्तुति ने दर्शकों को भावुक कर दिया. भारतीय संस्कृति हमारी विरासत है, इसे संरक्षित करना हमारा परम कर्तव्य है। नाटक की प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। ओ देश मेरे तेरी शान में सद के, तू बाघ है मेरा मैं तेरा परिंदा, अभी याद करे जो जमाना, माटी के लिए मर मिट जाना गाने की प्रस्तुति ने दर्शकों को तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने पर मजबूर कर दिया। 'भारत हमारा सबसे प्यारा देश है, हम इस चमन के हैं, फूलों की खुशबू हमें आती है, ये हमारा सौभाग्य है' गीत की प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये।
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