राजस्थान
निर्वाचन के दौरान जनता की शिकायतों के निवारण लिए जब्त की गई नकदी और अन्य वस्तुओं के शिकायत
Tara Tandi
21 Feb 2024 11:16 AM GMT
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दौसा । निर्वाचन के दौरान जब्त की गई नकदी और अन्य वस्तुओं के रिलीज किये जाने के सम्बन्ध में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बिना किसी एफ.आई.आर या शिकायत के नकदी और कीमती सामान कोषागार या मालखाने में रखने के उदाहरणों को दृष्टगित रखते हुए जनता की शिकायतों के निवारण के लिए जिला शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलक्टर दौसा देवेन्द्र कुमार ने बताया कि जिला शिकायत निवारण एवं अपील समिति में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद दौसा को अध्यक्ष, नोडल अधिकारी निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण प्रकोष्ठ अतिरिक्त जिला कलेक्टर दौसा को संयोजक तथा जिला कोषाधिकारी दौसा को सदस्य बनाया गया हैं। जिला शिकायत समिति पुलिस या एस.एस. टी. या एफ. एस. टी. द्वारा की गई जब्ती के प्रत्येक मामले की स्वतः जांच करेगी और जहां समिति यह पाती है कि जब्ती के खिलाफ कोई एफ.आई.आर. या शिकायत दर्ज नही की गई है या जहां जब्ती है, तो वह किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल या किसी चुनाव अभियान आदि से जुडा नही है तो एसओपी के अनुसार, वह ऎसे व्यक्तियों को जिनसे नकदी जब्ती की गई थी, को ऎसी नकदी रिलीज करने के बारे में इस आशय का स्पीकिंग आदेश जारी करने के लिए तत्काल कदम उठाएगी। यदि रिलीज की गई नकदी राशि रूपये 10 लाख से अधिक है तो इसे रिलीज किए जाने से पहले आयकर विभाग के नोडल अधिकारी को सूचित किया जावेगा ।
उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान जिला शिकायत निवारण समिति 24 घण्टे में एक बार पूर्व निर्धारित स्थान और समय पर बैठक करेगी। नकदी जारी करने से सम्बन्धित सभी जानकारी अतिरिक्त व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी द्वारा एक रजिस्टर में क्रमवार तिथिवार रखी जावेगी, जिसमें पकड़ी गई या जब्त की गई नकदी की राशि और सम्बन्धित व्यक्तियों को जारी करने की तारीख के बारे में विवरण होगा। जब्ती के विरूद्ध अपील की प्रक्रिया का उल्लेख जब्ती रसीद में किया जाना चाहिए और नकदी की जब्ती के समय ऎसे व्यक्तियों को इसकी सूचना भी दी जानी चाहिए ।
उन्हाेंने बताया कि किसी भी स्थिति में जब्त की गई नकदी , मूल्यवान वस्तुओं से सम्बन्धति मामले को मतदान की तारीख के बाद 7 दिनों से अधकि समय तक मालखाना या कोषागार में लम्बित नही रखा जावेगा, जब तक कि कोई एफआईआर , शिकायत दर्ज न की गई हो। हालांकि जिला शिकायत निवारण समिति को निर्णय लेने में देरी नहीं करनी चाहिए और मतदान की तारीख के 7 वें दिन तक किसी भी मामले को अनावश्यक रूप से लम्बित नही रखना चाहिए। यह सम्बन्धित सहायक रिटर्निग अधिकारी (लोकसभा) की जिम्मेदारी होगी कि वह ऎसे सभी मामलों को जिला शिकायत समिति के समक्ष लाए और समिति के आदेश के अनुसार नकदी या मूल्यवान वस्तुएं जारी करे।
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Tara Tandi
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