राजस्थान

चुनावी आहट से कॉलोनियों में अतिक्रमण की मची होड़

Admin Delhi 1
18 July 2023 1:19 PM GMT
चुनावी आहट से कॉलोनियों में अतिक्रमण की मची होड़
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कोटा: स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल कोटा एक तरफ तो पर्यटन नगरी के रूप में विकसित हो रही है। वहीं दूसरी तरफ चुनावी आहट के साथ ही यहां नियम ताक पर रखकर किए जा रहे निर्माण व अतिक्रमण की हौड़ सी मची हुई है। शहर में जहां देखो वहां बहुमंजिला इमारतें बनने लगी है। नए कोटा से लेकर नदी पार क्षेत्र तक में हो रहे निर्माण में अधिकतर बिना अनुमति और नियमों को ताक पर रखकर निर्माण किया जा रहा है। शहर में बिना सैट बैक छोड़े और छोटे भूखंडों पर 7 से 8 मंजिल तक का निर्माण किया जा रहा है। इतनी अधिक संख्या में व ऊंचाई तक निर्माण होने के बावजूद नगर निगम व नगर विकास न्यास प्रशासन को वे नजर ही नहीं आ रहे हैं। नियम विरुद्ध निर्माण व अतिक्रमण रोकने की जिम्मेदारी नगर निगम के निरीक्षकों की है। लेकिन उनका इस पर कोई ध्यान ही नहीं है।

सर्वाधिक हॉस्टलों का निर्माण

शहर में निर्मित बहुमंजिला इमारतों में अधिकतर हॉस्टल बने हुए हैं। उनमें भी अधिकतर नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए हैं। निर्माण होने के बाद न तो उन पर कोई कार्रवाई हो रही है और न ही नए निर्माण रूक रहे हैं। हालत यह है कि शहर में वर्तमान में भी धडल्ले से नियमों को ताक पर रखकर निर्माÞ किए जा रहे हैं।

चुनाव की आड़ में हो रहा निर्माण

राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। प्रशासन का पूरा ध्यान उसकी तैयारी में लगा हुआ है। सरकार व जनप्रतिनिधि टिकट की जुगाड़ में लगे हैं। इसका शहर में कई लोग फायदा उठा रहे हैं। नियम ताक पर रखकर किए जा रहा निर्माण सिर्फ बहुमंजिला ही नहीं हो रहा। कॉलोनियों में भी इस तरह का निर्माण हो रहा है। फिर चाहे वह किशोरपुरा का क्षेत्र हो या गुमानपुरा का। उन्हें देखने वाला कोई नहीं है।

कॉलोनियों में अतिक्रमण की भरमार

वहीं दूसरी तरफ कॉलोनियों में अतिक्रमण की होड़ मची हुई है। लोगों ने सड़ँक सीमा में मकान से लेकर मकान के छज्जे तक बढ़ा दिए हैं। किसी ने नाली को ढककर रैम्प बना लिया है तो किसी ने सीड़ियां। किसी ने बैठने का चबूतरा बना लिया है तो किसी ने वाहन खड़ा करने के लिए गैराज। यह स्थिति दादाबाड़ी, बसंत विहार, महावीर नगर, तलवंडी से लेकर कुन्हाड़ी और खेड़ली फाटक व स्टेशन क्षेत्र की कई कॉलोनियों में बनी हुई है। नगर निगम व नगर विकास न्यास की ओर से कुछ समय पहले अभियान चलाकर कार्रवाई भी की गई थी लेकिन उसके बाद फिर से इस तरह से मामले बढ़े हैं।

न्यास ने सीज किए हॉस्टल

नगर विकास न्यास की ओर से कुछ समय पहले जवाहर नगर व बसंत विहार में निर्माणाधीन हॉस्टल के बिना अनुमति बनाने पर सीजिंग की कार्रवाई की थी। लेकिन उसके बाद अधिकारी अन्य कामों में व्यस्त हो गए। जिसका फायदा उठाकर शहर में नियम विरुद्ध निर्माण व अतिक्रमण होने लगे हैं।

निगम के पास अवैध निर्माण की जानकारी नहीं

शहर में कहां-कहां अवैध निर्माण हो रहा है। इसकी जानकारी नगर निगम के पास नहीं है। निगम अधिकारियों का कहना है कि जहां भी अवैध निर्माण व अतिक्रमण होने की शिकायत मिलती है। वहां नोटिस देने और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। लेकिन शहर में कितने अवैध निर्माण या नियम ताक पर रखकर निर्माÞ हो रहे हैं इसकी जानकारी नहीं है।

इनका कहना है

शहर में निर्माण कार्य करने से पहले उसकी अनुमति व स्वीकृति लेना आवश्यक है। निगम क्षेत्र में नगर निगम से और न्यास क्षेत्र में नगर विकास न्यास से। भूखंड के साइज व रोड की चौड़ाई समेत अन्य नियमों की पालना करते हुए ही निर्माण की स्वीकूति जारी की जाती है। यदि कोई बिना सैट बैक छोड़े निर्माण कर रहा है तो वह नियम विरुद्ध है। उसके खिलाफ संबंधित विभाग कार्रवाई कर सकता है।

- के.के. जांगिड़, उप नगर नियोयक

शहर में बिना स्वीकृति के बहुमंजिला निर्माण होना गलत है। नियम विरुद्ध हो रहे निर्माण को प्राथमिक स्तर पर ही रोका जा सकता है। पूरा निर्माण होने के बाद उसे रोकना मुश्किल होता है। रीको क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में हॉस्टलों का नियम विरुद्ध तरीके से निर्माण हो गया है। संबंधित विभागों को चाहिए कि स्वीकृति के बाद ही निर्माण कार्य हो और नियमों के तहत हो। जिससे बाद में कोई समस्या न हो।

- ओ.पी. बुनकर, कलक्टर

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