आयोग ने सुलभ शौचालयों में गंदगी और अव्यवस्थाओं पर लिया प्रसंज्ञान
जयपुर: राज्य मानवाधिकार आयोग ने जोधपुर नगर निगम निगमों के 160 वार्डों में बने सुलभ शौचालयों में गंदगी और अव्यवस्थाओं के मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है। इसके साथ ही आयोग ने मामले में नगर निगम उत्तर और दक्षिण के आयुक्तों से प्रकरण की जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने यह आदेश दैनिक नवज्योति में इस संबंध में प्रकाशित समाचार पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए। समाचार में बताया गया था कि जोधपुर के उत्तर और दक्षिण नगर निगम में कुल 160 वार्ड बनाए हुए हैं, लेकिन इन वार्डों में बने सुलभ शौचालय के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। इन शौचालयों में इतनी गंदगी है कि कोई भी यहां जाना पसंद नहीं करता।
वहीं बदबू, कचरे व गंदगी से भरपूर यह शौचालय सफाई की व्यवस्था की पोल खोलते नजर आते हैं। समाचार में यह भी बताया गया था कि अधिकांश क्षेत्रों में सुलभ शौचालय का निर्माण इसलिए किया गया था कि आमजन को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, लेकिन आमजन के लिए सुलभ शौचालय में जाना ही परेशानी को मोल लेना है। क्योंकि वहां जाने पर गंदगी और मच्छरों से जाने वाले व्यक्तियों को उल्टे पांव वापस आना पड़ता है। यहां पर शराब की बोतलें, गुटके के कचरे और जगह जगह पीक थूकी हुई मिलती है। कुछ सुलभ शौचालय में तो पानी की सुविधा तक मौजूद नहीं है। शौचालय में इतनी गंदगी और कीचड़ है कि यहां से गुजरने वालों पर बीमारी होने का खतरा बना हुआ रहता है। इन क्षेत्रों में न तो फॉगिंग हो रही है और ना ही सफाई हो रही है। जिससे स्थिति और भी भयावह हो जाती है।