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कोटा। कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर और कोटा ग्रामीण एसपी कवींद्र सागर इटावा क्षेत्र के दौरे पर रहे। जहां पर उन्होंने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ क्षेत्र में चम्बल , कालीसिंध और पार्वती नदियों के किनारे बसे गांवों में बाढ़ की सतर्कता और बचाव की तैयारियों को लेकर निरीक्षण किया और लोगों से जानकारी ली। जिला कलेक्टर इटावा सूखनी नदी पहुंचे जहां पर उन्होंने सूखनी नदी पुलिया के यहां से जायजा लिया। इस दौरान आसपास हो रहे निर्माण और अन्य कार्यों को लेकर नगरपालिका को दिखवाकर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके साथ ही नदी क्षेत्र के आसपास बाढ़ के संभावित खतरे को लेकर सतर्कता के निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर ओपी बुनकर इसके बाद अधिकारियों के साथ गेता पहुंचे। जहां पर उन्होंने गेता में चम्बल नदी क्षेत्र का निरीक्षण किया और पिछले वर्ष आए पानी की स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद किरपुरा गांव पहुंचे, जहां पर ग्रामीणों से चर्चा की। इस दौरान कई लोगों ने जिला कलेक्टर को बताया कि पिछले वर्ष जैसा पानी का जलजला हमने जीवन मे कभी नही देखा। इस दौरान जिला कलेक्टर को अधिकारियों ने बताया कि इस गांव को अन्यत्र बसाने को लेकर प्रस्ताव तैयार कर रखे है और भूमि आंवटित की जा चुकी है।
इसके बाद ग्रामीणों के साथ जिला कलेक्टर और एसपी ग्रामीण ने अधिकारियों के साथ भूमि का अवलोकन किया। इस दौरान ग्रामीणों की समस्याओं को भी जाना। इसके बाद बम्बूलिया पंचायत के रघुनाथपुरा गांव पहुंचे जहां पर भी लोगों से पिछले वर्ष आई बाढ़ के बारे में जानकारी ली। लोगों को अन्य जगह और स्थापित करने को लेकर चर्चा की। इस दौरान जिला कलेक्टर ने लोगों से समस्याओं की भी जानकारी ली। कलेक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि इटावा क्षेत्र में पिछले वर्ष मानसून में बाढ़ से काफी नुकसान हुआ था। उसके ऐहतिहात और सतर्कता के साथ लोगों से चर्चा कर जो भी बाढ़ से बचाव की तैयारियां है। उस पर चर्चा की है।
इटावा उपखंड क्षेत्र में चम्बल, कालीसिंध व पार्वती, सूखनी नदियों के किनारे बसे करीब डेढ़ से दो दर्जन गांवों में हर वर्ष बारिश में बाढ़ का खतरा रहता है। जिसके चलते लोगों को नुकसान होता है। क्षेत्र में कालीसिंध के किनारे बसे नोनेरा , आमलदा, खरवन, चम्बल नदी के किनारे बसे किरपुरा, गेता, रघुनाथपुरा, राजपुरा, बम्बूलिया, मियाना, निमोला, गोठड़ा, धनवा, देलोद, कैथूदा, गुड़ला समेत कई गांव है। इसी तरह पार्वती नदी के किनारे खातोली, मदनपुरा , सहित कई गांव प्रभावित होते है। सूखनी नदी से इटावा सहित कई गांव प्रभावित होते है।
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