सीएमएचओ ने भी शुरू की जांच: आरएनटी ने अंबामाता अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी
उदयपुर न्यूज: निजी अस्पताल में इलाज के लिए 3.85 लाख रुपये बकाया न देने और इसमें सरकारी नर्सिंग कर्मचारी को डॉक्टर बताकर दो आदिवासी युवकों को ढाई माह से रिहा नहीं करने की जांच शुरू कर दी गयी है. आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. लखन पोसवाल ने अंबा माता स्थित सुंदरसिंह भंडारी सरकारी जिला (सैटेलाइट) अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल जैन से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. लिखा है कि संबंधित नर्सिंग स्टाफ आपके अधीन काम करता है। इसलिए दो दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट दें।
वहीं सीएमएचओ डॉ. बामनिया ने आरसीएचओ डॉ. अशोक आदित्य के नेतृत्व में राजेंद्र सोलंकी व कमल मेहता की टीम गठित की है. यह टीम 5 दिन में निजी अस्पताल में इलाज की कहानी के साथ सरकारी नर्सिंग कर्मचारी की संलिप्तता की जांच कर रिपोर्ट देगी। सीएमएचओ ने आरएनटी के प्राचार्य से नर्सिंग स्टाफ की रिपोर्ट भी मांगी है. बता दें, भास्कर ने 14 व 15 फरवरी के अंक में पीपलखूंट (प्रतापगढ़) के दो युवकों को अस्पताल से छुट्टी नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया था. परिजनों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने दोनों को बंधक बना लिया है. इसमें सेटेलाइट अस्पताल चांदपोल की सेकेंड ग्रेड नर्स सुरज्ञान मीणा का भी नाम सामने आया। हालांकि मीना ने खुद को इससे दूर बताया था।