राजस्थान

आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सीएम गहलोत करेंगें मंत्रियों के कामकाज का रिव्यू

Kajal Dubey
29 July 2022 9:37 AM GMT
आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सीएम गहलोत करेंगें मंत्रियों के कामकाज का रिव्यू
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जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर से मंत्रिमंडल पुनर्गठन की चर्चाएं जोरों पर हैं. सियासी हलकों में यह कहा जा रहा है कि अगस्त महीने में बड़ा सियासी फेरबदल देखने को मिलेगा। इसे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन के पिछले साल दिए गए बयान से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल नवंबर महीने में जब मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था तब अजय माकन ने अपने संबोधन में कहा था कि जून-जुलाई के आसपास एक और रिशफल होगा जिसमें परफॉर्मेंस के आधार पर नाम तय होंगे. अब जुलाई बीतने को है और माना जा रहा है कि अगस्त महीने में यह पुनर्गठन हो जाएगा।
बता दे की पहले जुलाई महीने में ही यह पुनर्गठन होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन जुलाई महीने में कांग्रेस विरोध-प्रदर्शनों में उलझी रही है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के चलते पूरी पार्टी ही इसमें व्यस्त रही है। लिहाजा अब अगस्त में मंत्रिमंडल पुनर्गठन की संभावना जताई जा रही है। इस पुनर्गठन से पहले सीएम अशोक गहलोत सभी विभागों के कामकाज का रिव्यू भी करेंगे। इस रिव्यू बैठक में मंत्रियों को अपने विभाग में हुए कामकाज का ब्योरा देना होगा। पहले 21-22 जुलाई को यह रिव्यू होना था, लेकिन अब अगस्त में ही यह रिव्यू बैठक भी होगी। इस समीक्षा के आधार पर मंत्रियों की परफॉर्मेंस का आकलन किया जा सकता है।
परफॉर्मेंस के आधार पर फिसड्डी मंत्री मंत्रिमंडल से बाहर होंगे और उनकी जगह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल पाएगी। इस पुनर्गठन के जरिए असंतोष को थामने की भी कवायद होगी। दरअसल कई विधायक मंत्रिमंडल में शामिल होने की आस संजोए बैठे हैं और ये बार-बार अपने बयानों के जरिए सरकार और पार्टी के लिए मुश्किलें भी खड़ी करते रहते हैं। अब मंत्रिमंडल में जगह देकर इन्हें शांत करने की कोशिश हो सकती है।
अब 2023 के विधानसभा चुनाव में भी केवल सवा साल का ही वक्त बचा है, लिहाजा यह आखिरी मंत्रिमंडल पुनर्गठन भी होगा। हाल ही में कई विधायकों की ओर से हो रही बयानबाजी भी इसी से जोड़कर देखी जा रही है और इसे प्रेशर पॉलीटिक्स बताया जा रहा है। इससे पहले पिछले साल नवम्बर में मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था जिसमें नए चेहरों की एंट्री हुई थी। इस विस्तार के बाद भी कई विधायकों में नाराजगी देखी गई थी अब जब फिर से पुनर्गठन होगा तो नाराजगी को थामना बड़ी चुनौती होगी।
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