जयपुर: सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने मंगलवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान राज्य कृषि बजट (Rajasthan State Agriculture Budget) की समीक्षा बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार (State Government) प्रदेश में किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए हमने पहली बार अलग से कृषि बजट (Agriculture Budget) प्रस्तुत किया. हमारी पूरी कोशिश है कि कृषि बजट में की गई घोषणाओं की क्रियान्विति सुनिश्चित कर इन्हें धरातल पर उतारा जाए.
सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य में ऐसे कृषि प्रावधान किए जाने चाहिए जिससे कृषि संबंधित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लघु और सीमांत किसानों को मिल सके. योजनाओं का प्रदेश में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाकर प्रक्रियात्मक पारदर्शिता में वृद्धि करने के भी निर्देश दिए. यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि ड्रिप इरिगेशन से उत्पादन में बढ़ोतरी होती है. राजस्थान जैसे मरूस्थलीय प्रदेश में ड्रिप इरिगेशन ही सिंचाई हेतु एक दीर्घकालिक समाधान है. किसानों का इस तरफ रूझान बढ़ा है. सरकार इसके उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा बजट में 4 लाख किसानों को ड्रिप इरिगेशन से लाभांवित करने के लिए 1705 करोड़ रू का प्रावधान किया गया है. 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन के लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के अंतर्गत 1.60 लाख कृषकों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने हेतु स्वीकृति जारी कर दी गई है. इसी क्रम में बजट में घोषित 825 करोड़ की सब्सिडी के अंतर्गत अब तक 9,738 फार्मपौण्ड व 1,892 डिग्गियों के निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की जा चुकी है. वहीं, किसानों को सोलर पंप की स्थापना के लिए 22,807 कार्य आदेश जारी किए जा चुके हैं.
राज्य में खरीफ की फसल के लिए खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध:
उन्होंने कहा कि राज्य में खरीफ की फसल के लिए खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तथा इन्हें किसानों को उपलब्ध कराए जाने के लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री बीज स्वाबलंबन योजना के अंतर्गत खरीफ फसलों के बीजों का वितरण बड़े स्तर पर किया गया है. लघु एवं सीमांत किसानों को 10 लाख बाजरा मिनीकिट्स एवं 2 लाख सूक्ष्मतत्व व जैव कीटनाशक किट का वितरण शुरू किया जा चुका है. राज्य में 0.49 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 0.37 लाख मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक भंडारित किया जा चुका है.
40 करोड़ की लागत से 1000 ड्रोन उपलब्ध करवाए:
बैठक में बताया गया 40 करोड़ की लागत से 1000 ड्रोन ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाने का कार्य किया जा रहा है. इससे किसान कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव कर सकेंगे, जिससे फसल की रक्षा हो सकेगी व कम लागत से उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी.
न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews