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जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में देरी से राज्य में अवैध रेत खनन के मामले बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने बजरी खनन पर रोक हटाने में चार साल का समय लगा दिया.
पाली में गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ा और उन्हें बजरी के लिए 20 से 25 हजार रुपये तक का भुगतान करना पड़ा, जिसकी कीमत महज पांच हजार रुपये होती है.
राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार में कथित वृद्धि से जुड़े विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए, गहलोत ने कहा कि मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि राजस्थान सरकार ने ऐसे मामलों में प्राथमिकी अनिवार्य कर दी है और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कार्रवाई तेज की है.

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