नागौर समूह से कर्ज लेकर शुरू हुई कपड़े की दुकान, महीने भर में कमा रहे 10 हजार
नागौर, नागौर समूह में शामिल होने के बाद महिलाओं ने 20-20 रुपये की बचत करना शुरू कर दिया। माइक्रो क्रेडिट के माध्यम से आपसी लेन-देन होने लगा। राजीविका द्वारा टी-1 और टी-2 के रूप में सहायता राशि प्राप्त करने के बाद, समूह ने बड़े ऋण के रूप में समूह लेनदेन शुरू किया। 20,000 रुपये का पहला ऋण जनवरी 2018 में लिया गया था। जिसे उन्होंने कपड़ों की दुकान के कारोबार में लगाया था। धीरे-धीरे कपड़े का धंधा चलने लगा। तब कवि कंवर को लगा कि गांव में कोई कॉस्मेटिक आइटम और रेडीमेड कपड़े की दुकान नहीं है। गांव की महिलाओं को गांव से 10 किमी दूर जाना पड़ता है। उसके बाद समूह के माध्यम से कवि ने अप्रैल 2021 को समूह से 30 हजार रुपये का कर्ज लिया और अपना कॉस्मेटिक और रेडीमेड परिधान व्यवसाय शुरू किया। वर्तमान में कवि कंवर अपने व्यवसाय से 8 से 10 हजार प्रति माह की आय अर्जित कर रहे हैं।