राजस्थान

Churu: जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा के मुख्य आतिथ्य में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित

Tara Tandi
26 Nov 2024 12:21 PM GMT
Churu: जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा के मुख्य आतिथ्य में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित
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Churu चूरू । जिला प्रशासन, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चूरू और राजकीय विधि महाविद्यालय, चूरू के संयुक्त तत्वावधान में संविधान दिवस के उपलक्ष में मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित राजकीय विधि महाविद्यालय में प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि जिला कलक्टर सुराणा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव डॉ शरद कुमार व्यास, एडीपीआर कुमार अजय, विधि महाविद्यालय प्राचार्य डॉ एसके सैनी सहित अतिथि मंचस्थ रहे। विधि महाविद्यालय प्राचार्य डॉ एसके सैनी एवं एपीआरओ मनीष कुमार ने अतिथियों का
स्वागत किया।
संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने कहा कि संविधान एक जीवंत दस्तावेज है, जो हमें सुरक्षा व संरक्षा प्रदान करता है। संविधान ने संपूर्ण देश को एक धागे में पिरोते हुए हमें एक व्यवस्था बना कर दी है। यह हमें अधिकार देता है और अधिकारों के साथ मूल कर्तव्य भी देता है। किसी भी व्यवस्था के समुचित संचालन के लिए आवश्यक नीति निर्देशक तत्वों को भी भारतीय संविधान में समाहित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा समर्पण एवं कृतज्ञता संविधान के प्रति रहे। संविधान ऎसा दस्तावेज है जो प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करता है। प्रकृति में हमारा संविधान कठोर होने के साथ लचीला स्वभाव रखता है। इसमें समय की जरूरत के मुताबिक बदलाव किया जा सकता है, परंतु इसकी मूल संरचना में बदलाव नहीं किया जा सकता। यह ताकत हमारे संविधान की ही है, जिससे सभी के अधिकारों एवं कर्तव्यों की सुरक्षा सुनिश्चित हो पाती है। हमारे संविधान ने हमें विशेषाधिकार दिए हैं और लोकतंत्र की व्यवस्था कायम की है।
सुराणा ने कहा कि हम जब बाहर किसी देश में रहते हैं तो हमें पता चलता है कि हमारा देश कितना समृद्ध और विकसित विरासत सहेजे हुए हैं। संविधान हमें जीवन जीने का अधिकार देता है। भारत में विभिन्न जाति, वगोर्ं, समुदायों, रंगों के साथ अनेकता में एकता प्रदान करने का काम हमारे संविधान ने किया है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण करना आसान काम नहीं था। देश के करीब 300 लोग ढाई साल के लिए एक साथ बैठे और सहमतिपूर्वक एक निर्णय लेकर ‘ संविधान‘ दस्तावेज दिया। संविधान देश को आगे बढ़ाने वाला दस्तावेज है। हम इस संविधान निर्माण के पीछे निहित सोच को आगे बढ़ाएं। देश के विकास के लिए संकल्पित होकर स्वयं को एक सहयोगी की भूमिका में रखें। उन्होंने विधि महाविद्यालय छात्रों से कहा कि आप अपने पेशे में विभिन्न लोगों को सलाह एवं विधिक जानकारी देंगे। हम अपनी जिम्मेदारियां समझें और संविधान के प्रति लोगों को समर्पण एवं विश्वास को मजबूती प्रदान करें।
विशिष्ट अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव डॉ शरद कुमार व्यास ने कहा कि आज प्रत्येक व्यक्ति जिस किसी पद या प्रतिष्ठा का हकदार है, यह हमारा संविधान हमें वह प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि संविधान केवल एक किताब नहीं है, यह गहन चिंतन के साथ एक सारगर्भित विचार है। ऎसा कहना भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा कि भारत में सब कुछ संविधान है। हम सभी संविधान के गुणों को अपनाएं और इसे अपने व्यक्तित्व में शामिल करें। संविधान की मूल भावना को व्यक्तित्व में उतारने से हम पाएंगे कि हमारा व्यक्तित्व और अधिक तेजयुक्त हो गया है। उन्होंने कहा कि संविधान ने सभी धर्म, वगोर्ं, वर्णों को शामिल करते हुए एकजुट किया है। हमें संविधान में गहरी आस्था रखते हुए लेजिसलेच्योर पढ़ते हुए मंतव्य पर काम करना है। उन्होंने कहा कि संविधान की निंदा करने वाले लोगों को समझना होगा कि संविधान प्रत्येक आदमी की सुरक्षा करता है। यह उन लोगों को भी सुरक्षा देता है जो इसमें विश्वास नही ंरखते।
डॉ व्यास ने कहा कि संविधान ने समाज में कुरीतियों एवं रूढ़ियों को मिटाकर एक वैज्ञानिक व प्रायोगिक दृष्टिकोण पैदा किया है। हम अपने व्यवहार में संविधान के गुणों को अपनाएंगे तो और बेहतर बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि संविधान ने हमारे जीवन की बेतरतीबी को ठीक किया है। हमें संविधान की विशेषताओं, समता, शक्तियों के विकेंद्रीकरण और ज्ञान के सर्वोच्चता को अपने व्यक्तित्व में शामिल करना चाहिए।
राजकीय विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एस के सैनी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस पर जिला प्रशासन तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से प्रदर्शनी एवं गोष्ठी का आयोजन किया जाना महाविद्यालय के लिए अच्छी पहल है। इससे संविधान के प्रति जनमानस में व्याप्त आस्था व विश्वास मजबूत होगा। महाविद्यालय प्रशासन ऎसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए जिला प्रशासन के साथ सदैव सहयोगी की भूमिका निभाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एडीपीआर कुमार अजय से सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि संविधान संपूर्ण देशवासियों के लिए एक पवित्र किताब है। आज प्रत्येक व्यक्ति को जीवन की संपूर्ण संभावनाएं संविधान ने दी हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों में वैज्ञानिक एवं लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का विकास करें। हम अपनी जिम्मेदारी समझें और नागरिक दायित्वों का समुचित निर्वहन करते हुए लोगों को भी अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए प्रेरित करें। हम अपनी प्रतिबद्धता दिखाएं तथा मानववादी वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए कॉमन सेंस के साथ व्यवहार में चीजों को लाएं।
इस मौके पर विनय श्रीधर, धनेश्वरी भाटी, विनय शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर सहायक आचार्य धीरज सक्सेना, सहायक आचार्य श्रीराम, सहायक आचार्य अपूर्वा, सहायक प्रोग्रामर अभिषेक सरोवा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी रामचंद्र मेघवाल, डिप्टी लीगल एवं डिफेंस कांउसलर विवेक प्रिय सोनी, असिस्टेंट लीगल एवं डिफेंस कांउसल विनय श्रीधर, असिस्टेंट लीगल एवं डिफेंस कांउसल प्रकाश वर्मा, असिस्टेंट लीगल एवं डिफेंस कांउसल प्रियंका, वरिष्ठ सहायक मंगेज सिंह, वरिष्ठ सहायक प्रशांत, अरविंद, संजय गोयल, अजय चांवरिया, विवेक सहित अन्य उपस्थित रहे। संचालन माधुरी उपाध्याय ने किया।
प्रदर्शनी संविधान के आदर्शों को सिखाती है
इससे पूर्व जिला कलक्टर सुराणा तथा जिला प्राधिकरण सचिव डॉ व्यास ने राजकीय विधि महाविद्यालय द्वारा लगाई गई पुस्तकों की प्रदर्शनी तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा संविधान की पृष्ठभूमि व रूपरेखा पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा प्रदर्शनी में समाहित की गई चीजों की सराहना करते हुए प्रदर्शनी को छात्रों एवं जनमानस के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी संविधान के आदर्शों को सिखाती है। प्रदर्शनी में संविधान से जुड़े विशेष तथ्यों को सहेजा गया है। संविधान निर्माण में उल्लेखनीय योगदान निभाने वाली 15 महिलाओं, मूल अधिकारों व मूल कर्तव्यों के साथ विशिष्ट तस्वीरों का अनूठा संयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में सहेजी गई उल्लेखनीय जानकारी का भविष्य में भी लाभ मिलेगा।
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(समाचार/मनीष कुमार/ सहा. जनसम्पर्क अधिकारी/सू.ज.का., चूरू)
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