राजस्थान
Churu : मोठ के जैविक प्रमाणीकरण तथा कैर सांगरी की प्रोसेसिंग की जरूरत
Tara Tandi
6 Jun 2024 12:29 PM GMT
x
churu चूरू । कृषि उपज मंडी स्थित आत्मा सभागार में विकसित राजस्थान 2047 का डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए कृषि, उद्यान, पशुपालन, सहकारिता, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग के विभिन्न हितधारकों के साथ जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में चूरू अंचल में इन क्षेत्रों की जरूरतों और संभावनाओं पर मंथन किया गया। इस दौरान चूरू विधायक हरलाल सहारण, सादुलपुर विधायक मनोज न्यांगली, पूर्व मंत्री़ खेमाराम मेघवाल बतौर अतिथि मौजूद रहे।
इस मौके पर जिला कलक्टर ने कहा कि खेती, पशुपालन में किसानों को पारंपरिक खेती और नवाचार का मेल का इस प्रकार काम करना चाहिए कि उत्पादकता बढ़े और गुणवत्ता की दृष्टि से भी बेहतर काम हो।
विधायक हरलाल सहारण ने जिले में कृषि व अन्य सम्बन्ध विभागों की योजनाओं का लाभ सभी किसानों तक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए तथा नवीन तकनीकी पर कार्य कर 2047 तक किसान हित में पालिसी तैयार करने के सुझाव दिए।
विधायक मनोज न्यांगली ने कहा कि किसान से जुड़े सभी विभाग एक साथ मिलकर किसानों के आवेदनों के त्वरित निस्तारण के संबंध में कार्ययोजना बनाया जाना सुनिश्चित करें। तहसील स्तर पर भी लोगों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए ताकि किसानों को अनावश्यक जिला स्तर तक नहीं आना पड़े।
पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल ने इस बात पर बल दिया कि विभाग की योजनाओं का लाभ किसानों को समय पर मिले। बीज व अन्य आदानों की व्यवस्था समय हो, ऎसा विजन तैयार किया जाये।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त निदेशक कृषि (वि) सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने जिले में कृषि प्रोसेसिंग एवं जल बचत से सम्बन्धित नवीन कार्य योजना तैयार करने के सुझाव दिए। कृषि आयुक्तालय जयपुर द्वारा जिले के लिए इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक कृषि विपणन बोर्ड चंद्रभान सिंह गिल ने अपने सुझावों में बताया कि जिले के मुख्य उत्पादन मोठ के जैविक प्रमाणीकरण करना तथा कैर सांगरी की प्रोसेसिंग की जरूरत है। जिले के संयुक्त निदेशक कृषि (वि) डॉ जगदेव सिंह ने पॉवर पॉइंट के माध्यम से जिले की वर्तमान स्थिति एवं 2047 तक का विभाग का विजन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ. ओमप्रकाश, परियोजना निदेशक आत्मा दीपक कपिला, उपनिदेशक उद्यान धरमवीर डूडी, केवीके सरदारशहर के वरिष्ठ वैज्ञानिक वी के सैनी, सहकारिता विभाग के प्रबंधक निदेशक मदन लाल शर्मा, सहायक निदेशक कृषि गोविन्द सिंह राठौड़, कृषि अधिकारी रामावतार शर्मा, प्रमोद कुमार व अन्य अधिकारियों द्वारा अपने अपने सुझाव प्रस्तुत किये गये। संचालन सहायक निदेशक (कृषि) ने किया। बैठक में लगभग 40 प्रगतिशील किसानों द्वारा अपने अनुभव के साथ जिले के विजन के लिए अपने सुझाव दिए गए।
TagsChuru मोठजैविक प्रमाणीकरणसांगरी प्रोसेसिंग जरूरतChuru MothOrganic CertificationSangri Processing Needजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Tara Tandi
Next Story