राजस्थान

Churu: उर्वरकों वितरण निगरानी एवं समन्वय के लिए नियंत्रण कक्ष

Tara Tandi
12 Oct 2024 11:48 AM GMT
Churu: उर्वरकों वितरण निगरानी एवं समन्वय के लिए नियंत्रण कक्ष
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Churu चूरू । चूरू जिले में उर्वरक उपलब्धता की निगरानी एवं उचित प्रबंधन के लिए कृषि विभाग की ओर से जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूप सवेरे 6 बजे शाम 8 बजे तक काम करेगा।
संयुक्त निदेशक (कृषि) डॉ जगदेव सिंह ने बताया कि कंट्रोल रूम के प्रभारी प्रमोद कुमार कृषि अधिकारी (मिशन) एवं सहप्रभारी प्रदीप कुमार रहेंगे। कंट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर 01562-250395 रहेंगे। यहां प्रातः 6 से सायं 8 बजे तक जिले के किसी क्षेत्र में उर्वरक की मांग, कालाबाजारी या अनाधिकृत विक्रय की सूचना दी जा सकती है। प्राप्त सूचना पर उचित सुधारात्मक उपाय किये जायेंगे। साथ ही प्राप्त शिकायतों / सुझावों की विवेचना कर पंचायत समिति के प्रभारी उर्वरक निरीक्षक को तत्काल आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिको द्वारा तिहलनी एवं दहलनी फसलों में बुवाई से पहले फॉस्फेटिक उर्वरकों एवं सल्फर उर्वरक के उपयोग की सिफारिस की जाती है। इससे पैदावार में बढ़ोतरी के साथ उपज की गुणवत्ता बेहतर होती है। जिले में किसान सरसों, चना तारामीरा में अधिक पैदावार के लिए बुवाई के समय केवल डीएपी खाद का बुवाई से पहले उपयोग करते हैं। इस कारण किसानों को सल्फर का अलग से उपयोग करना पड़ता है। यह स्थापित सूत्र है कि सरसों, चना व तारामीरा की फसलों में डीएपी के बजाय सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक का उपयोग अधिक फायदेमन्द एवं लागत में कमी लाता है। कृषि विभाग एवं कृषि वैज्ञानिको द्वारा किसानों को सलाह दी जा रही है कि 50 किलोग्राम के दो बैग डीएपी के बजाय तीन बैग सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं एक बैग यूरिया को मिलाकर बुवाई से पहले उपयोग करे। इससे फसलों को फॉस्फोरस व नत्रजन के साथ ही सल्फर की आवश्यक मात्र की आपूर्ति हो जाती है। डीएपी के प्रति किसानों के अत्यधिक लगाव का फायदा घटिया उर्वरक विक्रय करने वाले उठाने का प्रयास करते हैं। किसान भाइयों से अपील करते हैं कि रबी फसलों में प्रथम तो डीएपी के बजाय सिंगल सुपर फॉस्फेट यूरिया अथवा एनपीके उर्वरकों का उपयोग करें जो कि सस्ते और अधिक लाभकारी तो हैं ही, साथ ही आसानी से उपलब्ध हैं।
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