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गुडली। वर्तमान में भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति अपने खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पा रहा है। जिसका उसके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इम्युनिटी कमजोर होने से कम उम्र में ही बीमारियों उसे घेर रही है। बढ़ते वाहनों के बढ़ते प्रचलन के बीच गुड़ली गांव के बच्चेें साइकिल को आज भी कई युवा जिंदगी का हिस्सा बनाए हुए है। गांव के पांच बच्चे गांव के लोगों को स्वस्थ्य रहने के लिए साइकिल चलाने की सीख दे रहे है। इसमें एक बच्चे को अपने दादाजी से साइकिल चलाने की प्रेरणा मिली तो दूसरे बच्चे को गांव में हो रही मौतों से स्वस्थ रहने के लिए साइकिल चलाने का सबक मिला। गांव के अरविंद मेरोठा, रियांश, भविष्य, सिद्धार्थ और लखन ये पांच बच्चे साइकिल चलाइए, स्वस्थ्य रहिए का संदेश दे रहे है। ये 2 माह से ऐसा कर रहे है।
अरविंद मेरोठा ने बताया कि कस्बे क्षेत्र ग्राम पंचायत गुडली में एक ही माह में तीन व्यक्तियों की कैंसर से मौत हो गई और बाकी दो व्यक्तियों की स्वास्थ्य कमजोर होने की वजह से मौत हो गई। इससे मैंने भी सबक लिया। मैंने इंटरनेट पर सर्च किया तो पता चला कि साइकिल चलाने से बड़ी बीमारियों को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है और रेगुलर साइकिल चलाने से स्वास्थ्य को सही रखा जा सकता है। इसी को देख कर मुझे प्रेरणा मिली और मैं अन्य अनजान व्यक्तियों को भी प्रेरित कर रहा हूं और साइकिल चलाने की सलाह दे रहा हूं। मैं रोजाना 5 किलोमीटर साइकिल चलाता हूं। जानकीलाल मराठा बताते हैं कि केशोरायपाटन उपखंड में कहीं पर भी साइकिल ट्रैक नहीं है। जो युवा साइकिल चलाने के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, उन्हें अभ्यास करने के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। उन्होंने साइकिल चलाने को बढ़ावा देने के लिए उपखंड केशोरायपाटन में साइकिल ट्रैक बनाने की मांग की है। साथ ही कहा है कि सड़क किनारे साइकिल के लिए अलग से लेन बनानी चाहिए। साइकिल चलाने का प्रचलन बढ़ेगा तो हादसे भी कम होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, जिसे साइकिल का प्रयोग बढ़ाकर कम किया जा सकता है।
भविष्य मेरोठा रेयांश मेरोठा ने बताया कि मेरे दादाजी कजोड़ लाल मेरोठा की रेलवे में सर्विस थी। वे हर रोज 4 किमी साईकिल चलाते थे। वे केशरायपाटन से कोटा रेलवे में ड्यूटी करने के लिए साइकिल से 20 किलोमीटर जाते थे और 20 किलोमीटर वापस आते थे। आज सेवानिवृत्त होने के बाद 60 की उम्र के बाद भी वह एक जवान युवा की तरह फिट है। इसी को देख कर मुझे यह प्रेरणा मिली और दादाजी का पूरा सहयोग है। साइकिल चलाने में साइकिल को बढ़ावा देने में उनके घुटने आज भी मजबूत है। उनकी फिटनेस को देखकर ही मुझे प्रेरणा मिली। इसलिए मैं साइकिल चला रहा हूं और नए युवाओं को प्रेरित कर रहा हूं।
हर रोज साइकिल चलाने के खूब फायदे है। साइकिल चलाने से हृदय को स्वस्थ रहता है। वजन को कम करने में मदद मिलती है।टाइप टू डायबिटीज से बचाव होता है। फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है और नींद भी अच्छी आती है। मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और तनाव को दूर करने में मदद करता है। साइकिल चलाने से ब्रेन स्ट्रोक व लकवा जैसी बीमारियों की संभावना कम हो जाती है। इससे श्वास संबंधी रोगों से छुटकारा मिलता है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
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