राजस्थान

पैन इन्डिया बचाव एवं पुनर्वास अभियान 2.0 के अन्तर्गत Jhunjhunu जिले से होगा बाल श्रम का सफाया

Tara Tandi
3 Feb 2025 2:27 PM GMT
पैन इन्डिया बचाव एवं पुनर्वास अभियान 2.0 के अन्तर्गत Jhunjhunu जिले से होगा बाल श्रम का सफाया
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Jhunjhunu झुंझुनूं । झुंझुनूं जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने के उद्देश्य से पैन इंडिया बचाव एवं पुनर्वास अभियान 2.0 की शुरुआत की जा रही है। जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरविन्द ओला ने बताया कि यह अभियान 31 मार्च 2025 तक आयोजित किया जाएगा और यह राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों पर आधारित है।
इस अभियान का मुख्य उ‌द्देश्य बाल श्रम में संलिप्त बच्चों की पहचान करना, उन्हें तुरंत बचाना और उनका पुनर्वास सुनिश्चित करना है। अभियान के अंतर्गत जिले के सभी बाल श्रम संभावित क्षेत्रों, जैसे कारखानों, होटलों, ढाबों, उ‌द्योगों, दुकानों, खान, ईंट भट्टों, निर्माण स्थलों आदि में विशेष रूप से कार्यवाही की जाएगी। इन क्षेत्रों में कार्यरत बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से
तत्पर रहेगा।
जिला कलक्टर रामावतार मीणा ने इस अभियान को सफल बनाने हेतु समस्त संबधित विभागों को निर्देशित किया है। इस अभियान में पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम, महिला एवं बाल कल्याण, स्थानीय प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों का सहयोग लिया जाएगा। इस अभियान के तहत, बाल श्रम में संलिप्त बच्चों की पहचान की जाएगी और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा, ताकि वे किसी भी प्रकार के शारीरिक, मानसिक और शोषण से मुक्त हो सकें।
रेस्क्यू किए गए बच्चों का पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य आवश्यक संसाधन प्रदान किए जाएंगे। बच्चों का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक पुनर्वास भी किया जाएगा, ताकि वे समाज में वापस आकर एक सामान्य और खुशहाल जीवन जी सकें। इस अभियान में विशेष ध्यान दिया जाएगा कि बाल श्रमिकों को उनके परिवारों से मिलाया जाए। यदि बच्चों के परिवार का पता नहीं चलता या वे असुरक्षित होते हैं, तो उन्हें बाल देखरेख संस्था में रखा जाएगा। इस दौरान बच्चों की शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, और समाज में पुनः एकीकृत करने के लिए काउंसलिंग भी प्रदान की जाएगी।
अभियान का उद्देश्य सिर्फ बाल श्रम के उन्मूलन तक ही सीमित नहीं है बल्कि इस अभियान के माध्यम से जिले में बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना भी है। इस अभियान में आम जनता, समाजसेवी संस्थाओं, और विभिन्न समुदायों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि बाल श्रम के खिलाफ एक सशक्त समाजिक आंदोलन खड़ा किया जा सके।
अभियान के तहत बचाए गए बच्चों को कड़ी निगरानी में रखा जाएगा और उनके पुनर्वास के बाद उनका समाज में पुनः प्रवेश सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए बाल कल्याण समितियों और संबंधित अधिकारियों से निरंतर संपर्क रखा जाएगा। इस अभियान के दौरान, बच्चों को जीवन की बुनियादी जरूरतों जैसे पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, और मानसिक समर्थन दिया जाएगा।
झुंझुनूं जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने के इस अभियान के सफल संचालन के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। अरविन्द ओला ने इस अभियान की सफलता के लिए सभी विभागों और संस्थाओं एवं आमजन से सक्रिय सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल प्रशासन का कार्य नहीं है, बल्कि इसे समाज के हर व्यक्ति. संगठन और नागरिक के सहयोग से ही सफल बनाया जा सकता है।
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