राजस्थान
बाल श्रम मुक्त हो धौलपुर - रवि पचौरी बाल श्रम उन्मूलन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
Tara Tandi
27 Jun 2023 12:16 PM GMT
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आज मंगलवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं दिशा फाउण्डेशन, सेव दी चिल्ड्रन के संयुक्त तत्वाधान में बाल श्रम एवं महिलाओं के अधिकार के सम्बन्ध में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया संस्था निदेशक श्री दिनेश कुमार सिंह ने सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत कर संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अतंराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार पूरे विश्व में 160 मिलियन बच्चे बाल श्रम में लिफ्त है जिसमें से 10 मिलियन से अधिक भारत देश में लिफ्त है बाल श्रम का मुख्य कारण गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा का आभाव मुख्य कारण हैं। अतिथिओं के द्वारा बालश्रम मुक्त पोस्टर विमोचन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री रवि पचौरी रहें उन्होंने बाल कल्याण के क्षेत्र में बाल कल्याण समिति की मुख्य भूमिकाओं के बारे में आवगत कराया साथ ही उन्हें सभी से आवहन किया अधिकाधिक बाल विवाह एवं बाल श्रम की सूचनाएं समिति तक पहुचाएं एवं सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाएगी एवं उनको समिति की तरफ से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई श्री विश्वदेव पाण्डे के द्वारा की गई उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के आदेशों की पालना में माह जून में कई अभियान चल रहे है जैसे उमंग, एक्शन मन्थ चलाये जा रहे है। तथा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में आवगत कराया।
श्रम विभाग, अधिकारी रघुवीर सिंह मीणा ने बताया कि बाल श्रम मुख्य रूप से छोटे बच्चों को मासिक श्रम करने के लिए मजबूर करने की अमानवीय प्रथा को संदर्भित करता है, जिससे उन्हें शिक्षा के साथ-साथ समग्र शारीरिक और मानसिक विकास के उनके मूल अधिकारों से वंचित किया जाता है। वे शैक्षिक अवसरों से वंचित हैं एवं कार्यलय के श्री संजीव गुप्ता द्वारा बाल श्रम रोकथाम हेतु पेंसिल पोर्टल, आईआर मॉडूल एवं विभागीय योजनाओं के बारे में आवगत कराया गया।
मानव तस्कर विरोधी यूनिट से भंवर सिंह बताया कि बाल श्रम में योगदान देने वाला एक अन्य पहलू बाल तस्करी है। इन दुर्भाग्यपूर्ण बालक बालिकाओं को जुआ, घरेलू सहायता, नशीली दवाओं के परिवहन आदि जैसे अत्यधिक कष्टप्रद और खतरनाक व्यवसायों में मजबूर किया जाता है। आज छोटे छोटे बालक एवं बालिकाओं से खरतनाक व्यवसाय, जैसे ऑटोमोबाइल वर्कशॉप/गैराज, चूना भट्टा तथा घरेलु श्रम सहित अन्य व्यवसाय एवं प्रक्रिया में बच्चों से बाल श्रम करवाया जा रहा है। इस संबंध में यूनिट द्वारा जिले में सक्त से सक्त कार्यवाही की जा रही है।
दिशा फाउण्डेशन की कार्यक्रम प्रभारी शालू हेमब्रॉम ने बताया कि महिलाएं किसी भी कार्य में पीछे नहीं है। उन्होंने महिलाओं को जानकारी देते हुए बताया कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं। महिलाओं को अपने अधिकारों एवं कानूनों के प्रति जागरूक रहना चाहिए, तभी वे सही समय पर अपने अधिकारों का सदुपयोग कर सकती हैं। इसके अलावा उन्होंने घरेलू हिंसा, बालिकाओं के लिए षिक्षा की आवश्यकता, महिला सशक्तिकरण, इत्यादि के संबंध में जानकारी दी। रिसोर्स पर्सन राकेश तिवारी ने बताया कि बालश्रम अधिनियम के साथ साथ रेस्क्यू ऑपरेशन, प्रतिकर स्कीम और सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री संजय शर्मा, श्रम विभाग से संजीव, बाल अधिकारिता विभाग से योगेश आचार्य संस्था से मधु शर्मा, प्रेमराज परनामी, राहुल सिंह, ऋषिराम एवं स्वंय सहायता समूह की महिलाएं आदि मौजूद रहे।
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Tara Tandi
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