राजस्थान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 53वें बैच के दीक्षांत परेड समारोह को किया संबोधित

Admin Delhi 1
22 March 2023 2:36 PM GMT
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 53वें बैच के दीक्षांत परेड समारोह को किया संबोधित
x

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार को जवाबदेह, पारदर्शी एवं संवेदनशील पुलिस प्रशासन देने के लिए संकल्पित बताते हुए कहा है कि पुलिस प्रशासन समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराध पर अंकुश लगाने और समाज को सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी का प्रतिबद्धता से निर्वहन कर रहा है। गहलोत बुधवार को राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षु आरपीएस के 53वें बैच के दीक्षांत परेड समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय प्रशिक्षण कर्तव्यों और अधिकारों के बीच संतुलन बनाना सिखाता है। उन्होंने कहा कि आमजन के प्रति पुलिस के संवेदनशील व्यवहार से 'समानता के अधिकार' की संविधान की मूल भावना को बल मिलता है और जनता के मन में पुलिस के प्रति विश्वास सुदृढ होता है।

उन्होंने प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों की मुख्य अतिथि के रूप में सलामी ली तथा परेड का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने नवप्रशिक्षुओं को बधाई दी एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि अकादमी में प्राप्त प्रशिक्षण कर्तव्य-निर्वहन व समाज को न्याय दिलाने में सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि देश महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलते हुए विश्व में मजबूत लोकतंत्र के रुप में स्थापित हुआ है। यहां विविधताओं के बावजूद हमने संवैधानिक सिद्धांतों के बल पर देश को एकजुट रखा है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि वे गांधीजी के बताये हुए रास्ते पर चलकर अपने दायित्वों की पालना करें तथा राज्य में शांति और सछ्वाव की परम्परा को मजबूत बनाए रखने में अपना योगदान दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पुलिङ्क्षसग के कार्य में नई चुनौतियां सामने आ रही हैं इसलिए अधिकारियों को अनुसंधान में नए वैज्ञानिक तरीकों तथा उन्नत तकनीक को बढ़ावा देना होगा। राज्य सरकार पुलिसबल की तकनीकी कार्यदक्षता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित कर रही है। इसी क्रम में 2000 से अधिक पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला पुलिसकर्मियों का सेंट्रल बैंड स्थापित करने एवं राज्य में सर्वश्रेष्ठ पुलिस प्रशिक्षण अकादमी तथा सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षक को पुरस्कृत करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 की तुलना में राज्य में पांच प्रतिशत अपराध कम हुए हैं जबकि 17 राज्यों में अपराधों की संख्या बढ़ी हैं। गुजरात में 69 प्रतिशत, हरियाणा में 24 प्रतिशत तथा मध्यप्रदेश में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि महिला अपराधों की रोकथाम राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। राज्य में बलात्कार के अपराधों में लगने वाला अनुसंधान समय 2018 की तुलना में 274 से घटकर 68 दिन रह गया है, वहीं पॉक्सो अनुसंधान का समय 232 से घटकर 66 दिन रह गया है। दुष्कर्म मामलों में प्रदेश में 12 अपराधियों को मृत्युदण्ड, 466 को 20 साल से आजीवन कारावास तथा 750 को अन्य सजाएं सुनाई गई हैं। महिलाओं को त्वरित न्याय के लिए जिला स्तर पर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट क्राइम अगेन्स्ट वूमेन की स्थापना की गई है। पुलिस में प्रशासनिक प्रबंधन बेहतर करने के लिए पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था भी शुरू की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान पुलिस के शानदार कार्य के कारण ही राज्य में कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण से आपराधिक प्रकरणों को दर्ज करने की प्रक्रिया सुगम हुई है। साइबर क्राईम, मादक पदार्थ, अवैध हथियारों से जुड़े अपराधियों और भू-माफियाओं पर कड़ी कानूनी कार्यवाही करना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है। राज्य सरकार द्वारा पुलिसबल में हीनियस क्राइम यूनिट, मोबाइल यूनिट आदि भी संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं, बच्चों, कमजोर वर्गों की सुरक्षा और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करने के लिए थानों में स्वागत कक्षों का निर्माण और जन सुनवाई के लिए निश्चित समय तय किया गया है और महिलाओं का हर क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी का परिणाम है कि आज राजस्थान पुलिस में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। आज पास आउट हो रहे 35 प्रशिक्षुओं में भी 13 महिला पुलिस अधिकारी हैं।

Next Story
© All Rights Reserved @ 2023 Janta Se Rishta