राजस्थान
ठगी मामला: फर्जी नारकोटिक्स विभाग की टीम को संरक्षण देने वाला CI गिरफ्तार
Deepa Sahu
7 Dec 2021 1:46 PM GMT
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फर्जी नारकोटिक्स विभाग
राजस्थान के बून्दी में फर्जी नारकोटिक्स विभाग का अफसर बनकर ठगी करने वाली गैंग को संरक्षण देने वाले नारकोटिक्स विभाग चित्तौड़गढ़ के फरार सीआई भूपेंद्र आर्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी सीआई 5 माह से अधिक समय से मामले में फरार चल रहा था। गिरफ्तार सीआई भूपेंद्र की फर्जी नारकोटिक विभाग की टीम द्वारा की गई 3 लाख रूपये की ठगी के मामले में संदिग्ध भूमिका सामने आई थी। कोतवाली थाना अधिकारी सहदेव सिंह मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि गत 16 जुलाई को राजीव गांधी कॉलोनी निवासी मोहन लाल गुर्जर ने मुकदमा दर्ज करा फर्जी टीम द्वारा डरा-धमकाकर ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी।
जांच में संदिग्ध लगी दो निरीक्षकों की भूमिका
कोतवाली थाना प्रभारी सहदेव सिंह मीणा ने बताया कि दर्ज कराए गए मुकदमे में बताया गया था कि मोहन लाल गुर्जर के साथ बायपास रोड गुरुद्वारे के पास फर्जी नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी बनकर 2 लाख 96 हजार की ठगी हुई। इस पर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पुलिस जांच में नारकोटिक्स विभाग के दो निरीक्षकों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। पुलिस ने जांच के दौरान झालावाड़ नारकोटिक्स विभाग के सीआई अर्णव गांगुली को करीब 4 माह पूर्व गिरफ्तार किया था। उसके बाद पुलिस द्वारा मामले में चित्तौड़गढ़ नारकोटिक्स विभाग के निरीक्षक भूपेंद्र आर्य की भूमिका की जांच की गई, जांच के बाद निरीक्षक भूपेंद्र को भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। कोतवाली थानाधिकारी ने बताया कि फर्जी नारकोटिक्स विभाग की टीम के अन्य सदस्य को पूर्व में गिरफ्तार किया गया था। जिसमे सामने आया था कि फर्जी टीम को दोनों सीआई का संरक्षण प्राप्त था। जांच में पुष्टि होने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
वर्दी पहनकर करते थे वसूली
कोतवाली थाना अधिकारी सहदेव सिंह मीणा ने बताया कि मोहनलाल गुर्जर सिलोर रोड पर ब्रिज के नीचे पान की गुमटी लगाता है। गत 25 जून की रात को वह गुमटी पर बैठा था। तभी करीब सात आठ लोग गुमटी पर आए जिन्होंने स्वयं को नारकोटिक्स विभाग कोटा की टीम के सदस्य बताया। टीम में शामिल एक व्यक्ति ने वर्दी पहन रखी थी उसके कंधे पर 3 स्टार लगे हुए थे। उन्होंने उसकी गुमटी की तलाशी ली उसके बाद गुरुद्वारे के पीछे राजीव गांधी कॉलोनी में उसके मकान की तलाशी लेने के लिए कहा। उसे डराया धमकाया और उसके साथ मारपीट कर कार्रवाई का डर दिखाकर एटीएम और उसके घर से 2 लाख 96 हजार रुपए ले लिए। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी टीम ने बून्दी में ही करीब आधा दर्जन वारदातों को अंजाम दिया था। जिसमें से दो पीड़ित और सामने आए थे। गैंग ने कोटा, भीलवाड़ा, झालावाड़ से अन्य जगह के लोग भी शामिल हैं। जिन्होंने बूंदी में ही करीब 5 वारदातों को अंजाम दिया था।
पुलिस ने टीम गठित कर किया था खुलासा
फर्जी नारकोटिक्स टीम द्वारा ठगी की वारदातों को अंजाम देने का मामला सामने आते ही बून्दी पुलिस द्वारा टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने मामले में कोटा के तेजाजी का चबूतरा अनंतपुरा निवासी इमरान फकीर, अकरम हुसैन, भवानीमंडी निवासी प्रवीण झावा और भवानीमंडी निवासी रोहित को गिरफ्तार किया था। मामले में पुलिस टीम ने नारकोटिक्स विभाग झालावाड़ के सीआई अर्णव गांगुली को मामले में एक माह बाद गिरफ्तार किया था। इस मामले में करीब 5 माह से भी अधिक समय से फरार चल रहे नारकोटिक विभाग चित्तौड़गढ़ के सीआई भूपेंद्र आर्य को भी गिरफ्तार किया है।
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