राजस्थान

जीव सेवा पशुधन में सड़क पर बिल्ली, बंदर, खरगोश, गाय सभी को दावत

Shreya
1 Aug 2023 9:26 AM GMT
जीव सेवा पशुधन में सड़क पर बिल्ली, बंदर, खरगोश, गाय सभी को दावत
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भरतपुर: भरतपुर वर्तमान में जहां एक ओर कुछ लोग अपने बीमार माता-पिता और अन्य परिवार के सदस्यों का उपचार कराने के बजाय उनसे किनारा कर लेते हैं और उन्हें लावारिस हालात में उनके हालातों पर छोड़ देते हैं, वहीं यहां कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो लावारिस जीव-जंतुओं के बीमार पड़ जाने या किसी दुर्घटना में घायल हो जाने पर उन्हें सड़क से उठाकर लाते हैं और उनका उपचार करते हैं, ताकि वे स्वस्थ जीवन जी सकें। करुणा के पात्र ऐसे बीमार लावारिस जीव-जंतुओं को पुर्नजीवन देने का काम शहर में पिछले दो सालों से ट्रीट ऑन स्ट्रीट संस्था द्वारा किया जा रहा है। ट्रीट ऑन स्ट्रीट के संस्थापक प्रशांत मीना ने जानकारी देते बताया कि अब तक वे करीब 2000 से अधिक बीमार जीव जंतुओं का रेस्क्यू कर उपचार कर चुके हैं। वर्तमान में यह संस्था गोलपुरा बाइपास स्थित नगर निगम की ओर से चलाए जा रहे गोवंश आश्रय स्थल परिसर में संचालित है। यहां शहर सहित जिले के विभिन्न भागों से बीमार हालत पाए गए जीव जंतुओं को रेस्क्यू कर रखा गया है। फिलहाल यहां 11 प्रकार के 81 जीव जंतु हैं। जिनमें गोवंश के अलावा कुत्ते, बिल्ली, बंदर, घोड़े, खच्चर, खरगोश, मुर्गा, बगुला, जल कउआ आदि शामिल हैं, जिनका यहां उपचार किया जा रहा है।

हैरत की बात है कि यहां सभी प्रकार के जीव-जंतुओं का एक छत के नीचे ही ठिकाना है। कुत्ता, बिल्ली, बंदर, खरगोस, बतख, मुर्गा, बगुला, गोवंश, खच्चर, खोड़ी आदि जानवर साथ-साथ बड़े प्यार से रहते हैं। प्रत्येक का अलग-अलग नाम रखा हुआ है। नाम से आवाज देने पर वे अलर्ट मोड पर आ जाते हैं। एक दूसरे पर हमले की बात तो दूर, यहां कोई जीव-जंतु आपस में न कोई किसी से लड़ता है, न झगड़ता है। यहां प्रत्येक जीव को उसकी रुचि का भोजन खिलाया जाता है। चारा खाने वाले पशुओं को हरा चारा, भूसा आदि तो अन्य को उनकी रुचि के हिसाब से दलिया, चावल, सोयाबीन, फल फ्रूट, दूध आदि का सेवन कराया जाता है, ताकि वे जल्दी स्वस्थ हो सकें। स्वस्थ होने के बाद उन्हें फिर आजाद कर दिया जाता है।

संस्था जन सहयोग पर चल रही है। बीमार जीव जंतुओं के उपचार, भोजन और रखरखाव पर महीने में करीब डेढ़ लाख रुपए का खर्चा होता है। फिलहाल 8 लोगों की टीम यहां जीव सेवा का काम करती है। जिनमें से 2 पशु धन सहायक सैलरी बेस पर काम करते हैं। जो बीमार व घायल जीव जंतुओं को मरहम पट्टी, दवा आदि उपचार करते हैं। वहीं अन्य सदस्य जीव जंतुओं की संवेदनशीलता के साथ देखभाग करने के साथ उन्हें भोजन-पानी आदि की व्यवस्था करते हैं।

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