उदयपुर न्यूज़: क्षिप्रा लैब में मिले सरकारी सप्लाई के 296 इओहेक्सोल (Iohexol) इंजेक्शन की खाली वॉइल के मामले में औषधि नियंत्रक विभाग सोमवार को फिर जांच शुरू करेगा। दो दिन छुट्टी के कारण ये जांच अटकी हुई थी। चार बैचों के 81 इंजेक्शन आरएनटी मेडिकल कॉलेज के स्टोर से एमबी हॉस्पिटल को जारी होने की पुष्टि हो चुकी है, अब बचे 8 बैचों की 215 वॉइलों की जांच होगी।
उधर, पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार लैब संचालक बृजेश भारद्वाज के मोबाइल से दो नंबर ट्रेस किए हैं, जिसकी कॉल डिटेल निकलवाई जाएगी। आरोपी ने दो लोगों के नाम-पते भी बताए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। हालांकि, पुलिस ने अब तक यह नहीं बताया है कि जिनकी वह तलाश कर रही है वह सरकारी कर्मचारी हैं या कोई और। इसी बीच रविवार को लैब संचालक भारद्वाज व एमबी में डीडीसी-3 पर कार्यरत हेल्पर मदन सिंह को कोर्ट से जमानत मिल गई।
विभाग बोला- खाली वॉइल की जांच नहीं करते
औषधि नियंत्रक विभाग की मानें तो खाली वॉइल के मामले की जांच वह नहीं करेंगे। वह स्टॉक फोर सील यानी पैक दवा में ही कार्रवाई का अधिकार रखते हैं। अफसरों का कहना है कि वे केवल जांच एजेंसी के तौर पर काम कर रहे हंै। 81 इंजेक्शन के खुलासे के बाद अब वह 215 वॉइलों की जानकारी जुटाएंगे। अगर, ये बैच आरएनटी मेडिकल कॉलेज के स्टोर से जारी हुए नहीं मिले तो जयपुर आरएमएससीएल को लिखा जाएगा। वहीं से इस बैच नंबर के इंजेक्शन कहां-कहां जारी हुए इसका खुलासा होगा। विभाग का कहना है कि हकीकत तो एमबी हॉस्पिटल प्रशासन ही बता सकता है कि उनको मिले इंजेक्शन कितने लोगों को लगे। बाकी का स्टॉक कहां गया।