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भरतपुर। भरतपुर कृपाल जघीना हत्याकांड के आठ महीने बाद भी सबूत मिलने का सिलसिला जारी है। जिस कार में हत्या हुई, वो कुछ दिन पहले ही परिवार को मिली। जब परिवार उसे लेकर सर्विस सेंटर पहुंचा तो ड्राइवर सीट के हेडरेस्ट में कारतूस धंसा हुआ दिखा। इस पर परिवार ने कोर्ट में अर्जी देकर पुलिस की लापरवाही उजागर की। कोर्ट ने आदेश दिया तो पुलिस ने अखड्ड तिराहे के र्सविस सेंटर से सबूतों की लिस्ट में एक कारतूस और जोड़ा। परिजनों ने कोर्ट में पूरे मामले की जांच भरतपुर से बाहर की किसी अन्य जांच एजेंसी को सौंपने की गुहार भी लगाई है।
4 सितंबर 2022 को हुए हत्याकांड में जघीना गेट पर कृपाल की गाड़ी को घेरकर फायर किए गए थे। करीब 20 राउंड फायरिंग में 3 गोलियां कृपाल को लगी थीं। प्रकरण में इसी वर्ष की शुरुआत में 8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। हालांकि आरोपियों की सूची में अभी 11 नाम और हैं, जिनको लेकर पुलिस ने कहा है कि जांच अभी चल रही है।एसपी के निर्देश पर मामले के गवाहों और परिजनों को धमकाने की उद्योग नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इसके बाद जांच अधिकारी ने शिकायतकर्ता बबलू को बुला कर बयान दर्ज किए। साथ ही मौके पर ले जाकर नक्शा तैयार किया। घटनाक्रम के संबंध में तीन गवाहों के बयान भी दर्ज किए हैं। घटना को लेकर आक्रोशित जघीना निवासी गुरुवार को एसपी कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने गवाहों को धमकी मिलने और धीमी कार्रवाई पर गहरी नाराजगी जताई थी।
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