कोटा: लाइफ में तीन पी होना जरूरी है। इसके आधार पर आगे बढ़ोगे तो कभी पीछे देखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। पहला पी है परपज यानी उद्देश्य। आप जो भी काम कर रहे हैं, उसका उद्देश्य आपको पता होना चाहिए कि आप इस काम को क्यों कर रहे हैं। जैसे बचपन से मेरा उद्देश्य स्पष्ट था कि मुझे सेना में जाना है। दूसरा है पैशन यानी जुनून। आप डॉक्टर-इंजीनियर, जो भी बनना चाहते हैं, उस लक्ष्य को पाने के लिए आप में जुनून होना जरूरी है।
जैसे कारगिल युद्ध के दौरान मेरे दिल-दिमाग पर जुनून सवार था कि टाइगर हिल पर तिरंगा फहराना है। तीसरा पी है परफॉर्मेंस यानी प्रगति आपकी प्रगति, परपज के लिए पैशन के साथ काम करेंगे तो परफॉर्मेंस अपने आप आ जाएगी। ये तीनों पी एक-दूसरे के पूरक हैं। यह बात परमवीर चक्र विजेता सबेूदार मेजर ऑनरेरी कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव ने कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स से कही। उन्होंने कहा कि मेरी तरह आप लोग भी योद्धा ही हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि मैं मां भारती की रक्षा के लिए योद्धा बना और आपको अपने सपनों को साकार करने के लिए योद्धा बनना है। यकीन मानिए एक योद्धा कभी हारता नहीं है। उसे अपनी मंजिल एक दिन मिल ही जाती है।