राजस्थान
1994 में शुरू हुआ कैमल फेस्टिवल : पहली बार रायसर के धोरों में ऊंटों की धूम होगी
Rounak Dey
14 Jan 2023 6:12 PM GMT

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बीकानेर में 29 साल पहले शुरू हुआ ऊंट महोत्सव पांच साल तक शहर में रहा, लेकिन उसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में ऊंचे और बड़े रेत के टीलों के प्रति विदेशी पर्यटकों के विशेष आकर्षण को देखते हुए हर साल वहां कार्यक्रम होने लगे। . कटारियासर में 9 साल और लदेरा के धोरास में 7 साल तक ऊंट उत्सव मनाया गया। इस दौरान सर्वाधिक विदेशी पर्यटक वर्ष 1760 में 11 आए थे। इस बार 15 जनवरी को सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक रायसर के धोरे गूंजेंगे।
बीकानेर में पर्यटन की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए 6 अक्टूबर 81 को पर्यटन कार्यालय खोला गया तथा उसके बाद 93-94 में सहायक निदेशक का पद सृजित किया गया। तत्कालीन आईएएस ललित के. पंवार, सहायक निदेशक स्व. राजेंद्रसिंह शेखावत को बीकानेर में पर्यटन को बढ़ावा देने का काम सौंपा गया और दोनों अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक आधार ऊंट को केंद्र में रखते हुए ऊंट उत्सव की शुरुआत की. सन् 94 से 98 तक दो दिवसीय ऊंट महोत्सव शहर तक ही सीमित था, लेकिन रेतीले धोरों से विदेशी पर्यटकों के विशेष लगाव के कारण 99 में पहली बार कटारियासर ढोरों में शुरू हुआ और उसके बाद 9 साल तक चलता रहा। कटारियासर में विवाद की स्थिति बनी तो वर्ष 2007 में स्थान बदलकर लडेरा के धोरों में ऊंट उत्सव मनाया गया, जो सात साल तक चलता रहा।

Rounak Dey
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