राजस्थान
22 नवंबर तक मंत्रिमंडल विस्तार संभव, गहलोत-पायलट में बनी सहमति
jantaserishta.com
17 Nov 2021 5:23 AM GMT
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ऐसा हो सकता है मंत्रिमंडल
जयपुर: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे समय से चल रहे घमासान पर विराम लगने जा रहा है. कांग्रेस हाईकमान के दखल के बाद गहलोत-पायलट के बीच सुलह-समझौता का फॉर्मूला तय हो गया है, जिसके तहत मंत्रिमंडल के विस्तार का फाइनल तारीख तय हो गई है. गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार के फॉर्मूले को राहुल गांधी की भी मंजूरी मिल गई है.
गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार के इंतजार की घड़ी खत्म हुई और अब फाइनल तौर पर सहमति बन गई है. 21 या 22 नवंबर को मंत्रियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हो सकता है. पायलट और गहलोत की कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के फॉर्मूल पर राहुल गांधी की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा था. ऐसे में विदेश से ही वर्चुअल बैठक में राहुल गांधी ने अब मंजूरी दे दी है.
ऐसा हो सकता है मंत्रिमंडल
गहलोत सरकार में कुल 30 मंत्री बन सकते हैं, जिनमें अभी फिलहाल 21 मंत्री है. ऐसे में गहलोत मंत्रिमंडल से तीन मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है, जिन्हें संगठन में जिम्मेदारी सौंपी गई है. इनमें स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और शिक्षा मंत्री ने गोविंदसिंह डोटासरा शामिल हैं. 'एक व्यक्ति एक पद' वाले फॉर्मूले की वजह से तीनों मंत्रियों के इस्तीफे लिए जाएंगे और उनकी जगह नए मंत्री शपथ लेंगे.
गहलोत-पायलट दोनों की पसंद को तरजीह
गहलोत कैबिनेट विस्तार में 12 मंत्री पद भरे जाएंगे. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस हाईकमान के साथ मीटिंग में बनी सहमति में अशोक गहलोत के पसंद के सात मंत्री बनाए जाएंगे जबकि सचिन पायलट के पसंद के पांच मंत्री बनाए जाएंगे. साथ ही मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ-साथ बड़ी संख्या में मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं.
पायलट और गहलोत के बीच नए मंत्री बनने वाले विधायकों के नामों पर सहमति बन गई है. पायलट गुट की ओर से हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, रमेश मीणा, बृजेंद्र ओला और मुरारी लाल मीणा मंत्री बन सकते हैं.
इसके अलावा कुछ पुराने मंत्री हटाए जा सकते हैं, जिसे लेकर सीएम अशोक गहलोत एक बार चर्चा के लिए दिल्ली जा सकते हैं. ऐसे में वो दिल्ली नहीं गए तो प्रदेश प्रभारी अजय माकन को जयपुर भेजा जाएगा.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को खुश करने के लिए राजनीतिक नियुक्तियां करने की रणनीति भी बनाई गई है. साथ ही विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने की भी संभावना है. इसके अलावा इसी महीने 40 से ज्यादा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएंगी, जिसके लिए पिछले तीन सालों से इंतजार किया जा रहा था.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिवालय कर्मचारी से संघ के एक कार्यक्रम में भी पहली बार या साफ किया कि जल्दी हम मंत्रिमंडल में विस्तार करने जा रहे हैं. जबकि, सचिन पायलट काफी लंबे समय से मंत्रिमंडल के विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों करने की मांग उठा रहे थे.
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