राजस्थान

जयपुर में कांग्रेस की रैली में नहीं भेजेंगे बसें, बस मालिक संघ का एलान

Deepa Sahu
9 Dec 2021 7:05 PM GMT
जयपुर में कांग्रेस की रैली में नहीं भेजेंगे बसें, बस मालिक संघ का एलान
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राजस्थान की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस से बस मालिक संघ ने कहा है.

राजस्थान की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस से बस मालिक संघ ने कहा है कि रैली के लिए कांग्रेस को बसें चाहिए तो 45 रुपये प्रति किलोमीटर की रेट देना होगा। रेट नहीं मिलेगा तो कांग्रेस को रैली के लिए बसें नहीं देंगे। यह बात कांग्रेस को बस मालिक संघ के प्रदेश महासचिव सत्यनारायण साहू ने कही है। बस मालिक संघ रैली में बस भेजने के लिए 45 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया मांग रहा है।

साहू बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी 25 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से बस का किराया देना चाहती है, जबकि 35 रुपए प्रति किलोमीटर तो उनका रोजाना का बस का खर्चा है। 45 रुपए प्रति किलोमीटर से कम किराया देने पर रैली में बसें नहीं भेजेंगे। कोटा सम्भाग से कांग्रेस ने 12 दिसंबर को बसें मांगी हैं। कोटा से 120, बारां 70, झालावाड़ से 100 व बूंदी से 60 बसों की डिमांड की है।
साहू ने बताया कि बस का रोज 1500 रुपए टैक्स जमा कराना होता है। ड्राइवर व कंडक्टर को 1 हजार रुपए देने पड़ते है। 250 रुपए रोज का बीमा है। ये न्याय संगत नहीं है। पार्टी जिस हिसाब से पैसा देने को कह रही है, उस हिसाब से ये 25 रुपए प्रति किलोमीटर ही बैठ रहा है। बस ऑपरेटर पहले ही कर्ज के बोझ तले दबा है।
उन्होंने कहा कि कोविड के समय बस मालिकों ने खड़ी हुई बसों का टैक्स जमा करवाया है। सरकार ने कोविड के समय टैक्स माफ नहीं किया। परेशान बस मालिक बसों को सरेंडर करवा रहे हैं। उसका भी टैक्स मांगा जा रहा है। बिहार में तीन हजार व डीजल मिलता है। मध्यप्रदेश में भी अच्छा किराया मिलता है। राजस्थान में ही केवल 1850 रुपए व डीजल दिया जाता है।
साहू का कहना है कि प्रदेश सरकार को रैली व चुनाव में रोडवेज बसें काम में लेनी चाहिए। उन्हें क्यों काम में नहीं लिया जाता है। साहू ने कहा कि बस मालिकों ने सरकार के कहने पर रीट व पटवारी भर्ती परीक्षा में बसें लगाई थीं। इसमें से रीट परीक्षा के दौरान भेजी गई। बसों का कुछ जिलों में आधा भुगतान कर दिया । कई जिलों में अभी तक भुगतान नहीं किया गया। कोटा में 200 बसों का भुगतान बाकी है।
उन्होंने ने कहा कि बस मालिकों के भी परिवार हैं। उन्हें भूखे तो नहीं मरने देंगे। कोविड काल में कोटा में बस मालिकों को आर्थिक तंगी के चलते हार्ट अटैक आए, लेकिन प्रदेश की सरकार ने बस मालिकों के टैक्स माफ नहीं किए। अभी 11 दिसंबर को सावे है। खूब शादियां हैं। कांग्रेस ने समय भी गलत चुना है। ऐसे में बस मालिक कम रेट में बसें नहीं दे सकते।
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