राजस्थान

Bundi: बाल विवाह रोकथाम एवं बाल संरक्षण के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

Tara Tandi
6 Dec 2024 12:19 PM GMT
Bundi: बाल विवाह रोकथाम एवं बाल संरक्षण के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
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Bundi बूंदी । जिला प्रशासन, जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बाल कल्याण समिति एवं एक्शन एड यूनिसेफ के सहयोग से पंचायत प्रतिनिधियों, बाल संरक्षण समिति सदस्यों एवं कार्मिकों की क्षमता वृद्धि के लिए पंचायत समिति, बूंदी में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में प्रधान प्रेम बाई मीणा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाल विवाह सामाजिक कुरीति है। इसको रोकने के लिए सभी को सम्मिलित प्रयास करते हुए जन जागरूकता संबंधी कार्यक्रम चलाने होंगे और दोषियों पर कार्रवाई कर बाल विवाह पर अंकुश लगाया जा सकता है। सभी संबंधित अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस संबंध में अपनी-अपनी जिम्मेदारी का
भलीभांति निर्वहन करें।
कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक बतौर एचसीएम रीपा जयपुर से पधारे बाल संदर्भ केंद्र, कार्यक्रम अधिकारी राजकुमार पालीवाल ने पंचायती राज प्रतिनिधियों की भूमिका पर चर्चा करते हुए बताया कि हाईकोर्ट ने कहा कि राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 के तहत गांव में बाल विवाह पर रोक लगाना गांव के सरपंच का कर्तव्य है। कोर्ट ने कहा कि बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी सूची में अंकित गांव के सरपंच और पंचायत सदस्य की होगी। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया इन गांवों के सरपंच और पंच को जागरूक किया जाना चाहिए और सूचित किया जाना चाहिए कि यदि वे बाल विवाह को रोकने में विफल रहते हैं तो बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की धारा 11 के तहत उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने कहा कि बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और जिला बाल संरक्षण इकाइयां काम करती हैं। बच्चों के मामलों पर निर्णय लेने के लिए, जिलों में बाल कल्याण समितियां (सीडब्ल्यूसी) और किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) होते हैं।
विकास अधिकारी सुरेश वर्मा ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य विभागों के बीच परस्पर समन्वय बढ़ाना और बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रयासों को मजबूत करना है। यह कार्यशाला जिले में बाल विवाह के उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समाज को जागरूक करने और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए सरकार व प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सहायक निदेशक बाल अधिकारिता हुकम चंद जाजोरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि उद्बोधन में कहा कि बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए कार्य योजना के क्रियान्वयन के संबंध में उच्च न्यायालय, जयपुर व जिला कलेक्टर आदेश की अनुपालना में पंचायती राज प्रतिनिधियों, बाल संरक्षण समिति सदस्यों व कार्मिकों की बाल विवाह रोकथाम व बाल संरक्षण विषय पर बेहतर समझ बनाने के उद्देश्य से बूंदी जिले के पांचो पंचायत समितियों में कार्यशालाओं का आयोजन किया गया जिनमें लगभग 500 प्रतिभागियों का क्षमतावर्धन किया गया।
एक्शन एड-यूनिसेफ जिला समन्वयक जहीर आलम ने कहा कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा को मिटाने और इस पर रोक लगाने को लेकर जिला प्रशासन ने समाज के हरेक वर्ग के लोगों से, बुद्धिजीवों से और सामाजिक कार्यकर्ताओं से आगे आकर काम करने की अपील की है और समाज के लोगों से इसे खत्म करने को लेकर पहल करने को कहा है।
कार्यक्रम के अंत में बाल अधिकारिता के संरक्षण अधिकारी गोविंद कुमार ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित कर बाल विवाह, बाल मजदूरी, बाल दुर्व्यापार पर कारगर रोक लगाने की अपील करते हुए कहा कि पंचायत समिति स्तर पर आयोजित ये कार्यशाला में बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा एवं संरक्षण सुनिश्चित करने के महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी अंत में सभी प्रतिभागियों ने बाल विवाह व बाल श्रम रोकथाम हेतु संकल्प पत्र भरे।
कार्यशाला में अतिरिक्त विकास अधिकारी लेखराज प्रजापत, बाल अधिकारिता से ओ.डब्लू दीपिका वशिष्ठ, चाइल्ड हेल्पलाइन से मुकेश कुमार गोस्वामी, परिता शर्मा, शिक्षा विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज विभाग के अधिकारी, कार्मिक, एवं विभिन्न पंचायतों के सरपंच एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
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