कोटा: जंग खाया हवाई जहाज, टूटे झूलें और चोट देने की क्षमता रखने वाली फिसल पट्टी ऐसा ही कुछ नजारा दिखाई देता है आजकल चंबल किनारे बनाए हुए ट्रैफिक पार्क की। कहने को तो ये यातायात पार्क है लेकिन मजेदार बात ये है कि इस गार्डन में यातायात के नियमों की जानकारी देने के लिए जो बोर्ड लगाया हुआ है उस बोर्ड से यातायात के संकेत देने के लिए बने कई चिन्हों को मिटे ही जमाना बीत चुका है। लेकिन ना संबंधित अधिकारियों का और ना ही जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर जा रहा हैं।
स्थानीय ही नहीं बाहरी लोग भी आते हैं घूमने
यहां पर सुबह-शाम घूमने आने वालों का कहना हैं कि करोड़ों रूपए खर्च करके शहर में आॅक्सीजोन बनाया गया है लेकिन जो स्थान सालों से शहर की पहचान बने हुए हैं उनकी सुध तक नहीं ली जा रही है। उनमें से एक चंबल गार्डन के पास ही बनाया गया ट्रैफिक पार्क भी है। जहां सुबह-शाम शहर के लोग ही नहीं बल्कि कई बाहरी पर्यटक भी घूमने, सैर करने तथा व्यायाम करने के उद्ेश्य से आते हैं।
सुन्दरता बढ़ाने वाले फव्वारें हो गए नकारा
ट्रैफिक गार्डन में इसके निर्माण के समय बच्चों के खेलने-कूदने के लिए जो झूले चकरी और फिसल पट्टी और अन्य मनोरंजन के संसाधन लगाए वो अब नकारा हो चुके है और बच्चों को चोटिल कर रहे है। अधिकांश उपकरण जंग खा चुके हैं। इन खेल उपकरणों में से कुछ महीनों से क्षतिग्रस्त हुए पड़े है जो कभी भी बच्चों या अन्य आयु वर्ग के लोगों को चोटिल कर सकते हैं लेकिन उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है। बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए गार्डन में एक हवाई जहाज का निर्माण करवाया गया था। आज उस हवाई जहाज पर इतना जंग लग चुका है कि उसे दूर से देखने से ही उसके पास तक जाने का मन नहीं करता है। गार्डन की सुन्दरता बढ़ाने के लिए लगाए गए फव्वारें बंद पड़े हैं।
जुगाड़ करने बना दी बैंच
गार्डन में लोगों को पीने के पानी उपलब्ध करवाने के लिए जो संसाधन लगाए गए थे वो तो कभी के गायब हो चुके हैं। अब तो वहां टूटे नल हैं जो शौपीस बनकर लगे हुए हैं। जबकि लिख हुआ जल मंदिर है। इसी प्रकार गार्डन में आने वाले लोेगों को बैठने के लिए जो बैंच लगाई गई थी उनमें से कुछ टूट चुकी हैं और जुगाड़ के रूप में उन पिल्लरों पर पत्थरनुमा कुछ बैंच लगाई गई है। वहीं गार्डन की कुछ क्यारियों में लगाए पौधें उचित देखरेख के अभाव में सूखी झाड़ियों के रूप में तब्दील हो चुके हैं। कुछ स्थानों पर सूखी पत्तियों के ढ़ेर भी लगा रहे हैं जो गार्डन में बनी अव्यवस्थाओं की ओर इशारा कर रहे हैं।
यातायात नियमों का बोर्ड भी खा रहा जंग
याातायात नियमों की धज्जियां तो आए दिन उड़ती रहती है लेकिन चम्बल गार्डन के ट्रैफिक गार्डन में नगर निगम की और से बच्चों के लिए लगाए यातायात नियमों की जानकारी बोर्ड भी जंग खा रहे है। यातायात नियम बोर्ड से गायब है तो कई के नामों निशान मिट चुके है। सुबह की सैर और शाम को घूमने आने वाले लोगो को अब यह जंग खाते यातायात नियम बोर्ड मुंह चिढ़ाते नजर आते है।
ये है ट्रेफिक गार्डन का इतिहास
ट्रैफिक पार्क, प्रसिद्ध चंबल गार्डन के बगल में स्थित एक और शानदार पार्क है जो कोटा और बाहरी लोगों को उनके पिकनिक समारोह के लिए आकर्षित करता है। पार्क मुख्य रूप से बच्चों के लिए मनोरंजन के साथ सीखने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाया गया था। लक्ष्मण झूला नामक एक फुट ओवर ब्रिज चंबल गार्डन और ट्रैफिक पार्क के दो उद्यानों को जोड़ता है। यह गार्डन 1990 में बनाया गया था और यह लगभग 16 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।
इनका कहना हैं...
पार्क में विकास के कुछ कार्य होने हैं जिनके बारे में संबंधित उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया दिया गया हैं।
- रामलाल, उद्यान अधीक्षक।
मैं लगभग 4 साल के बाद ट्रैफिक पार्क में आया हंू। उद्यान में कई चीजे टूटी हुई हैं। हालात पहले जैसे नहीं हैं। कोटा शहर में इतने कार्य हो रहे हैं लेकिन जनप्रतिनिधियों की नजर इस गार्डन की ओर नहीं जा रही है।
- विकास जैन।
पूरे पार्क की हालात बिगाड़ कर रखी हुई है। सालों पहले जो चमक इस गार्डन की थी वो सब खत्म हो चुकी हैं। बच्चे इस बाग में आकर काफी खुश होते थे लेकिन अब उनको यहां लाकर क्या ये जंग खाए हवाई जहाज दिखाए।
- कौशल कुमार शर्मा।