राजस्थान

बदलते खान-पान से युवाओं में बढ़ रही है बीपी-शुगर की बीमारियां, आप भी रखे ध्यान

Shantanu Roy
14 March 2023 11:06 AM GMT
बदलते खान-पान से युवाओं में बढ़ रही है बीपी-शुगर की बीमारियां, आप भी रखे ध्यान
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प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ डिजिटल युग में जहां कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। वहीं दूसरी तरफ तनाव भरी और आरामदायक जीवनशैली के कारण कई बीमारियां घर करने लगी हैं। ऐसे में युवा भी अछूते नहीं हैं। प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में एनपीसीडीएस के तहत की जा रही स्क्रीनिंग में 30 से 45 वर्ष के युवकों में बीपी व शुगर के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. जिससे अस्पताल में युवाओं की लंबी कतारें भी देखी जा रही हैं. ऐसे में डॉक्टरों द्वारा युवाओं को दिनचर्या, खान-पान आदि में बदलाव लाने की सलाह दी जा रही है, ताकि बीमारियों से बचा जा सके। जिला अस्पताल में पिछले वर्षों से शुरू हुई एनपीसीडीएस के तहत की जा रही स्क्रीनिंग में युवकों में बीपी और शुगर की समस्या सामने आई है। इसमें इस तरह के युवक भी आ गए। जिसने खुद को स्वस्थ बताया। जब युवक की जांच की गई तो पता चला कि शहर के 30 वर्षीय युवक को मधुमेह है, जांच में उसका ब्लड काउंट 300 तक आया। वहीं एक अन्य 28 वर्षीय युवक को 250 रुपए मिले।
जबकि एक युवक का बीपी 190 तक आ गया। तीनों युवकों ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं था कि वे भी इस बीमारी से पीड़ित हैं। युवाओं को जीवनशैली बदलने की सलाह दी गई। जिले में योजनान्तर्गत अप्रैल 2018 से स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके तहत हर साल के आंकड़े बताते हैं कि युवाओं में शुगर और बीपी के मरीज बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में हर साल करीब 15 से 20 हजार लोगों की जांच की जा रही है। इनमें से 10 फीसदी युवाओं में बीपी और शुगर के लक्षण पाए जा रहे हैं। अस्पताल में ही एनसीडी (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज) क्लिनिक संचालित है। जहां 30 साल से अधिक उम्र के लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। स्क्रीनिंग से पता चला है कि मधुमेह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक आम है। इस मामले पर जब जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ओमप्रकाश दायमा से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए चिकित्सा संस्थानों में स्थित एनसीडी क्लीनिक में अपनी जांच कराते रहना चाहिए. अस्पताल में 30 साल से अधिक उम्र के लोगों की जांच की जा रही है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि युवाओं में बीपी और शुगर की बीमारी बढ़ रही है। ऐसे में युवाओं की जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। ये दोनों रोग अन्य रोगों को जन्म देते हैं। ऐसे में आपको अभी से सावधान हो जाना चाहिए।
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