राजस्थान के अजमेर में नसीराबाद के पास आशापुरा गांव में एक महिला की सनसनीखेज हत्या के मामले का 24 घंटे में पर्दाफाश करते हुए, मुख्य आरोपी और तीन अन्य बाल अपचारियों को निरुद्ध किया गया है. सनसनीखेज हत्याकांड की मुख्य वजह नाबालिक भांजी की प्रेम कहानी और प्रॉपर्टी का लालच है.
जानकारी के मुताबिक 30 अगस्त को आशापुरा गांव की रहने वाली वेलिंगटन मेसी ने सदर पुलिस थाना को रिपोर्ट दी थी, कि उसकी मौसेरी बहन बेला जॉनसन और बड़ी बहन जरीना की गोद ली गयी बेटी ने रात 10 बजे से गुमशुदा है और उन दोनों के मोबाइल फोन भी बंद आ रहे हैं. काफी छानबीन करने के बावजूद उनका कोई सुराग नहीं लगा.
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नसीराबाद सदर पुलिस थानाधिकारी हेमराज सिंह, आशापुरा गांव पहुंचे और गांव में मकान का ताला तोड़ा गया. जहां बेला जॉनसन के कमरे में जगह जगह खून के धब्बे मिले. खून के धब्बे देखकर किसी अनहोनी की आशंका हुई और घर के पीछे बावड़ी में देखा तो एक महिला की लाश तैरती हुई नजर आई. जिसे सिविल डिफेंस की मदद से बाहर निकलवाया गया. उसकी पहचान वेलिंगटन मैसी ने उसकी मोसेरी बहन बेला जॉनसन के रूप में की.
मृतका के मौसरे भाई वेलिंगटन मैसी ने मौके पर ही सदर पुलिस को रिपोर्ट दी, उसमें जरीना की गोद ली गयी बेटी और उसके दोस्तों के खिलाफ रिपोर्ट देते हुए, बेला जॉनसन की हत्या करने की मुख्य वजह प्रेम संबंधों और प्रॉपर्टी को बताई.
एएसपी शर्मा के नेतृत्व में टीम गठित
आशापुरा गांव में एक महिला की निर्मम हत्या के खुलासे के लिए एसपी चूनाराम के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक घनश्याम शर्मा और डीवाईएसपी पूनम भरगड़ के नेतृत्व में सदर पुलिस थानाधिकारी हेमराज सिंह, सबइंस्पेक्टर मुस्ताक हुसैन, एएसआई बच्छराज सिंह, एएसआई डूंगाराम, हेड कांस्टेबल श्रीराम, हेड कांस्टेबल फूलसिंह, कॉन्स्टेबल हरमेंन्द्र, कांस्टेबल रवि कसाणा, अर्जुन, लालसिंह, धर्मेंद्र, विश्वास यादव, राकेश, साइक्लोन टीम के रणवीर सिंह, दुर्गेश, राजकुमार की विशेष टीम ने इस हत्या का मात्र 24 घंटे में पर्दाफाश कर दिया.
इतना ही नहीं बल्कि मुख्य आरोपी सहित इस हत्याकांड में लिप्त तीन सहयोगी बाल अपचारी को भी निरुद्ध कर लिया. उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड के प्रकरण में काली माई रोड निवासी 22 वर्षीय गौतम बेरवा पुत्र प्रवीण बैरवा को गिरफ्तार कर लिया गया है और इसी के साथ एक नाबालिका और दो नाबालिकों को निरूद्ध कर लिया गया.
वारदात का यूं हुआ खुलासा
पुलिस उपाधीक्षक पूनम भरगड और सदर पुलिस थानाधिकारी हेमराज सिंह ने वारदात का खुलासा करते हुए जानकारी दी, कि मुख्य आरोपी गौतम बैरवा समेत निरूद्ध किए दो बालक और एक बालिका से अलग अलग और एक साथ पूछताछ करके हत्याकांड का खुलासा किया गया. जिसमें जानकारी मिली कि बालिका, मृतका की बड़ी बहन जरीना की दत्तक पुत्री है.
जरीना की मौत के बाद भी उसकी गोद ली बेटी, मृतका बेला के साथ ही रहकर पढ़ाई कर रही थी. उसकी लगभग दो साल पहले ही मुख्य आरोपी गौतम बैरवा से दोस्ती हुई थी और दोनों शादी करना चाहते थे. जिसके लिए बेला भी सहमत थी, क्योंकि लड़की वर्तमान में नाबालिग थी और बेला उसके बालिक होने पर ही शादी करवाना चाह रही थी.
ये बात मुख्य आरोपी और बालिका दोनों को ही नागवार लग रही थी. जरीना के मरने के बाद पेंशन के वक्त मिले लाखों रुपए की नॉमिनी भी बालिका ही थी. इसके अलावा लगभग 15 बीघा जमीन की बारिस भी यही नाबालिका थी. जिस पर गौतम की नजर थी.
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पहले आरोपियों ने बेला को नींद की गोली दो बार देने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सके. लेकिन तीसरी बार बेला के खाने में चूहे मारने की दवा मिला दी गयी. आरोपी नाबालिक ने खाने में चूहे की दवा मिलाने का वीडियो भी बनाया और अपने प्रेमी को भेजा. लेकिन आखिर वक्त में उसका मन बदला गया और बेला को खाना नहीं दिया.
आखिरकार 28 अगस्त को मुख्य आरोपी गौतम अपने दो सहयोगी जो बाल अपचारी ही हैं, को लेकर बेला के घर रात को 9.15 बजे पहुंचा और बेला की गला दबा कर हत्या की कोशिश की गयी. लेकिन सफल नहीं होने पर एक भारी डंडे से बेला के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर उसकी हत्या कर दी गयी.आरोपियों ने मिलकर पहले बेला की लाश को घर के पास बनी बावड़ी में डाल दिया और कमरे को थोड़ा बहुत साफ कर दिया और फरार हो गये. सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
एसपी ने की ईनाम की घोषणा
हत्याकांड का खुलासा करने में विशेष भूमिका पुलिस अधीक्षक चुनाराम ने सनसनीखेज हत्याकांड का 24 घंटे में खुलासा करने वाली टीम को अलग से नाम दिए जाने की घोषणा की. इस हत्याकांड का पर्दाफाश करने में हैड कांस्टेबल श्रीराम, कांस्टेबल रवि कसाणा और अर्जुन की सराहनीय भूमिका रही.