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जब मन में लग्न और पढ़ाई का जज्बा हो तो संसाधन, स्कूल और महंगी कोचिंग किसी के मायने नहीं रहती हैं. वहीं लूणी के ग्राम पंचायत पाल गांव में एक निजी व्यवसायी की पैदा हुई तीन सगी बेटियों ने साबित कर दिखाया है. तीन बहनों ने हाल ही में जारी हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर 10वीं कक्षा के परिणाम में सरोज चौधरी ने 98 %, शौभा चौधरी 96.33 % और विमला चौधरी 96.17 प्रतिशत प्राप्त कर इतिहास रचा है.
इनकी बड़ी सुमित्रा पटेल ने उच्च माध्यमिक बोर्ड परीक्षा में विज्ञान वर्ग में 91.83 अंक प्राप्त किए और तीन बहनों ने 95 प्रतिशत से ऊपर अंक प्राप्त करते हुए बेटियों ने परीक्षा परिणाम में बाजी मारी जो कि संदेश है समाज के लिए म्हारी छोरिया काई छोरों से कम है. बेटों के साथ बेटियों को भी पढ़ना लिखना और आत्मनिर्भर बनाना वर्तमान समय की जरूरत है. बेटियां किसी भी मामलों में बेटों से कम नहीं है, बेटी के शिक्षित होने से मात्र एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा परिवार शिक्षा और संस्कारित होता है.
सरोज चौधरी ने बताया कि मेरे माता पिता के सपनों को पूरा करुंगी, मुझे डॉक्टर बनना है और डॉक्टर बनकर के देश की सेवा करूंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं नियमित 2 घंटे पढ़ाई करती थी. पढ़ाई के साथ-साथ घर का भी काम करती थी , शोभा चौधरी ने कहा कि आज मुझे बहुत खुशी हो रही थी , मेरे ही परिवार से तीन बहने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में मेरिट में स्थान हासिल किया है हम साथ-साथ नियमित रूप से 2 घंटे पढ़ाई करके आज मुकाम हासिल किया है.
विद्यालय निदेशक झाबरमल शेषमा व व्याख्याता महेंद्र परिहार सतलाना ने बताया कि प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रही छात्रा सरोज , शौभा और विमला चौधरी पांच बहनें है. इनकी बड़ी बहिन सुमित्रा पटेल भी इसी विद्यालय से इस बार विज्ञान वर्ग में 91.83 प्रतिशत प्राप्त कर 12वी कक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया है. इनके पिता अम्बाराम पटेल छोटा निजी व्यवसाय चलाकर अपने बेटियों को पढ़ा लिखाकर घर का पालन पोषण कर रहे है. वहीं बेटियों ने पिता के सपनों की मेहनत रंग लाई है. वहीं पूरे गांव और परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है.
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