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राजस्थान | भीलवाड़ा के कोटड़ी थाना क्षेत्र में 14 वर्षीय एक नाबालिग लड़की को सामूहिक दुष्कर्म के बाद भट्टी में जलाने की घटना के तथ्यों का पता लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसदों की चार सदस्यीय टीम रविवार को घटना स्थल पर पहुंची और पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर से मुलाकात की। वहीं पुलिस प्रशासन ने मामले में थानाधिकारी और ड्यूटी अधिकारी को निलंबित कर दिया है और दो कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया है। जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सि्द्धू ने रविवार को बताया कि इस मामले में अब तक एक महिला सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने इस मामले में कालू (25)उसके भाई कान्हा कालबेलिया (21), कालू की पत्नी लाड उर्फ जीजी (25), पप्पू (35) , संजय (20), कमलेश (30), प्रभु (40) को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही एक नाबालिग विवाहिता व एक नाबालिग किशोर को हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने बताया कि मामलें में थानाधिकारी और ड्यूटी अधिकारी को निलंबित किया गया है और दो कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा गठित सांसदों की चार सदस्यीय तथ्यान्वेषण टीम रविवार दोपहर को कोटड़ी कस्बे स्थित घटना स्थल पर पहुंची। टीम की संयोजक सरोज पांडेय को बनाया गया है जबकि रेखा शर्मा, कांता कर्दम और लॉकेट चटर्जी बतौर सदस्य टीम में शामिल हैं। भाजपा सांसदो के दल ने मृतका नाबालिग के परिजनों से मुलाकात की और घटना स्थल का जायजा लिया है। टीम इस पूरे मामले में रिपोर्ट तैयार करेगी जिसे वह भाजपा अध्यक्ष को सौंपेगी। टीम के साथ भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अल्का गुर्जर और महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष रक्षा भंडारी भी हैं। घटना स्थल पर संवाददाताओं से बातचीत में दल का नेतृत्व कर रही सरोज पांडेय ने सत्तापक्ष से किसी के भी पीड़िता के परिवार से मिलने नहीं आने को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा ‘‘राज्य सरकार में इतनी संवेदना भी नहीं है कि कम से कम पीड़ित परिवार से मिलने आये।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि अपराध में राजस्थान सर्वोच्च शिखर पर है और प्रदेश के मुख्यमंत्री के पासगृह विभाग भी है। पांडेय ने कहा कि गृहमंत्री होते हुए उनके (गहलोत के) राजस्थान में जिस प्रकार की घटना घटी है इसकी जितनी निंदा की जाये वह कम है।उन्होंने कहा, ‘‘ राजस्थान अपनी संस्कृति के लिये पहचाना जाता है और आज इस संस्कृति को गहलोत सरकार ने तार तार कर दिया.. इस सरकार को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘नाबालिग के साथ घटित घटना के बाद परिजनों को ना कोई मुआवजा की राशि दी गई ना मिलने की जरूरत समझी गई.. संवेंदनहीनता की पराकाष्ठा इस सरकार ने की.. हम मांग करते है कि इस सरकार को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।’’उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरे प्रशासन की लापरवाही है। उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ का नारा दिया था। पांडेय ने कहा, ‘‘ घटनाक्रम जब उत्तरप्रदेश में होता है तो दोनों भाई-बहन (राहुल गांधी और प्रियंका गांधी) वहां पर पहुंच जाते हैं लेकिन आज इस घटनाक्रम पर मैं प्रियंका गांधी, राहुल गांधी को और उनके नेताओं से पूछना चाहूती हूं कि वो यहां तक क्यों नहीं आये… क्या ये बिटिया नहीं थी.. क्या यह नहीं लड़ सकती थी और इसकी लड़ाई कौन लड़ेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ उसकी (नाबालिग की) लड़ाई क्या इनकी सरकार नहीं लड़ेगी.. गहलोत सरकार को नहीं लड़ना चाहिए? प्रियंका गांधी इस समय मौन क्यों है? उन्होंने कहा,‘‘ एक लड़की के लिये दूसरा भाव और अपने दल के लिये दूसरा भाव यह नहीं होना चाहिए। प्रियंका गांधी को इस विषय पर जरूर बोलना चाहिए।’’ पांडेय ने सवाल किया,‘‘गहलोत सरकार ने इस हत्याकांड के बाद से मौन साधकर रखा है.. उस पर प्रियंका गांधी क्या कहेंगी क्या वो लड़की हूं..लड़ सकती हूं के नारे के साथ यहां पर आयेंगी।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महिलाओं के ऊपर राजनीति नहीं की जाती है और भाजपा ने कभी महिलाओं पर राजनीति नहीं की है और हम महिला हैं इसलिये इस बात को कह सकते है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री को महिलाओं के मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए उन्हें जवाब देना चाहिए कि अपराध में राजस्थान पहले स्थान पर क्यों हैं। पांडेय ने कहा,‘‘ हम रिपोर्ट तैयार पर 24 घंटे में उसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को सौंपेंगे।’’भाजपा की महिला सांसदों की टीम ने घटना में प्रशासन की लापरवाही माना है।
टीम ने कहा कि अगर परिजनों से सूचना मिलने के बाद पुलिस तलाश शुरू कर देती को वह (नाबालिग किशोरी) आज जीवित होती। कांता कर्दम ने कहा कि गांव वालों और और बच्ची के परिजनों ने बताया कि बच्ची बच सकती थी, लेकिनथाना जाने पर उनकी सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का कोई भी नुमाइंदा पीड़ित परिवार से नहीं मिला है और मुख्यमंत्री ने भी कोई संज्ञान नहीं लिया है। कर्दम ने कहा कि ऐसी सरकार को बर्खास्त करना चाहिए, राजस्थान की जनता उनको जवाब देगी।
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