राजस्थान: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है. तेजी से चुनावी तैयारियों में जुटी पार्टी ने प्रदेश चुनाव समिति का गठन कर दिया है. जिसमें गोविंद सिंह डोटासरा को कमान सौंपी गई है. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत 29 दिग्गजों को सदस्य बनाया गया है. इस सूची में 16 मंत्रियों को शामिल किया गया है. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अब बीजेपी भी जल्द ही चुनाव प्रबंधन समिति की सूची जारी करेगी.
अब इस समिति के संयोजक पद के लिए पदाधिकारियों की घोषणा की जा सकती है. एमपी में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया गया है. राजस्थान में संयोजक पद के दावेदारों में अर्जुन राम मेघवाल का नाम प्रमुखता से चल रहा है. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम की भी चर्चा है. कमेटी में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ समेत कई चेहरों को लिया जा सकता है. दूसरी ओर, बीजेपी में भले ही लगातार यह ऐलान किया जा रहा है कि चुनाव मोदी के नाम पर ही लड़ा जाएगा. इसके बावजूद चर्चा है कि कई चेहरे अभी भी सीएम के चेहरे का इंतजार कर रहे हैं. चर्चा ये भी है कि क्या वसुंधरा राजे किसी बड़ी जिम्मेदारी में नजर आएंगी?
अमित शाह-मोदी रैली से वसुंधरा राजे को मिली ताकत!
उनके दावे को यह ताकत 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अजमेर में हुई रैली से मिली. इस रैली में मंच पर वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं. इस दौरान दोनों नेताओं के हाव-भाव से यह संकेत मिला कि बीजेपी शायद राजस्थान में कर्नाटक की गलती नहीं दोहराएगी. अब सवाल ये है कि क्या बीजेपी विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को मैदान में उतारेगी. वहीं, हाल ही में उदयपुर की रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी वसुंधरा राजे के प्रति यही रुख दिखाया था. ऐसी भी संभावना है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व वसुंधरा राजे पर सीएम फेस का दांव चल सकता है. गौरतलब है कि इस रैली में तब तस्वीरें देखने को मिली जब अमित शाह ने खुद वसुंधरा राजे को भाषण न देने के लिए टोका और अपने सामने वसुंधरा को बोलने का मौका दिया. इतना ही नहीं, जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कई बार पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तारीफ भी की. दूसरी ओर, राजस्थान में विधानसभा चुनाव बेहद करीब हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. बीजेपी अब विधानसभा में राज्य सरकार के खिलाफ हर मुद्दे को जोरदार तरीके से उठा रही है और साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ 'नहीं सहेगा राजस्थान' अभियान भी शुरू कर दिया है. इसके तहत बीजेपी भ्रष्टाचार, पेपर लीक जैसे तमाम मुद्दों पर कांग्रेस को जमकर घेर रही है.