राजस्थान

बिपरजॉय तूफान से राजस्थान में गई 8 लोगों की जान, इन जिलों के लिए जारी येलो अलर्ट

Admin4
20 Jun 2023 7:01 AM GMT
बिपरजॉय तूफान से राजस्थान में गई 8 लोगों की जान, इन जिलों के लिए जारी येलो अलर्ट
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जयपुर। चक्रवाती तूफान बिपारजॉय का कहर अब राजस्थान में देखने को मिल रहा है। बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। करीब एक हजार गांवों में बिजली संकट बरकरार है।बाइपरजॉय तूफान का असर सोमवार को भी देखने को मिलेगा। आज राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश के आसार हैं. मौसम विभाग ने आज कोटा, बारां, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा और करौली के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. जबकि अजमेर, अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनू, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर और उदयपुर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
तूफान का सबसे ज्यादा असर बाड़मेर, सिरोही, जालोर और पाली जिले में हुआ है। इन जिलों में पिछले तीन दिनों से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. सबसे ज्यादा नुकसान जालौर के सांचौर और सिरोही के माउंट आबू में हुआ है। चक्रवात बिपारजॉय को लेकर मौसम विभाग ने कहा कि यह अब डिप्रेशन में बदल चुका है. डिप्रेशन का असर पूर्वी राजस्थान के मध्य भागों पर देखा गया जो लगभग पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 12 घंटों के दौरान डिप्रेशन के और तेज होने की संभावना है। इससे पहले 18 जून को चक्रवात बिपरजोय के प्रभाव में बाड़मेर जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई थी.
IMD ने ट्वीट कर जानकारी दी कि, 'अगले 12 घंटों के दौरान डिप्रेशन की तीव्रता महसूस की जाएगी. मध्य रात्रि के बाद ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी। दक्षिण राजस्थान के मध्य भागों और आसपास के क्षेत्रों में दबाव अजमेर से लगभग 20 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व और जयपुर से 120 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में स्थित है। इसके 19 जून की सुबह तक कम दबाव के क्षेत्र में कमजोर पड़ने की संभावना है।
18 जून को चक्रवाती तूफान बिपरजोय के प्रभाव में राजस्थान के बाड़मेर जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई। कई जगहों पर भीषण जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति देखी गई। अस्पतालों में भी जलजमाव देखा गया। आईएमडी के निदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात बिपार्जॉय कमजोर होकर गहरे दबाव में बदल गया है। चक्रवात के कारण सिर्फ गुजरात और राजस्थान में बारिश हो रही है. मानसून का इस चक्रवात से कोई लेना-देना नहीं है।
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