राजस्थान: राज्य सरकार युवाओं एवं राज्य की जनता को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ रोजगार के विभिन्न अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उद्यम प्रोत्साहन एवं स्वरोजगार की दिशा में राज्य सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना, डॉ भीमराव अंबेडकर दलित आदिवासी प्रोत्साहन योजना सहित अन्य विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर रही है।
विनीत के सपनों को मिला आकाश
इन योजनाओं से लाभ लेकर आत्मनिर्भर बन चूरू जिले के युवा अपनी अलग पहचान एवं कहानी लिख पा रहे हैं। ऐसी ही कहानी है जिले के घंटेल गांव के रहने वाले 31 वर्षीय विनीत अग्रवाल की। विनीत अग्रवाल ने उद्योग विभाग से मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत ऋण लेकर स्वयं का उद्यम स्थापित किया है। विनीत अग्रवाल बताते हैं कि वह पहले आभूषण निर्माण का कार्य करते थे लेकिन उसमें संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने अपने मामा जी के फर्नीचर व्यवसाय से अनुभव एवं प्रेरणा लेकर स्वयं का व्यवसाय शुरू करने का विचार किया। उद्योग विभाग से संपर्क किया तो उन्हें मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना की जानकारी मिली। उन्होंने जिला उद्योग केंद्र में योजना के तहत आवेदन किया और बैंक के माध्यम से उन्हें 90 लाख रुपए का ऋण मिला। इससे 55.90 लाख रुपए मार्जिन मनी के साथ कुल 145.90 लाख रुपए की लागत से हैंडीक्राफ्ट इकाई ‘‘गोयल हैंडीक्राफ्ट‘‘ शुरू कर अपना उद्यम स्थापित किया। विनीत कहते हैं कि इससे उनके सपनों को आकाश मिला और हौसले को पंख।
अन्य को दे रहे रोजगार
विनीत अग्रवाल बताते हैं कि इकाई स्थापित होने से खुद का व्यवसाय तो शुरू कर ही पाए, साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। वह बताते है कि उनकी हैंडीक्राफ्ट इकाई में वर्तमान में 9 सदस्य काम कर रहे हैं, जिन्हें प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपए का भुगतान किया जा रहा है। वे बताते हैं कि फर्नीचर का व्यवसाय शुरू करने से उनकी जान पहचान तो बढ़ी ही, साथ ही प्रत्येक तीसरे या छठे माह ब्याज अनुदान भी मिल जाता हैं, जिससे उन्हें सम्बल मिल रहा हैं। राज्य सरकार का जताया आभार विनीत राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उनके विचारों को धरातल तथा सपनों को आसमान देने के लिए आभार जताते हैं।